उत्तर प्रदेश : मोनाड यूनिवर्सिटी पर यूजीसी की बड़ी कार्रवाई: पीएचडी प्रोग्राम पर 5 साल की रोक

Hapur News : पिलखुवा स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी पर यूजीसी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पीएचडी प्रोग्राम पर 5 साल की रोक लगा दी है। यह रोक शैक्षणिक सत्र 2025-26 से 2029-30 तक लागू रहेगी। यूजीसी ने यह कदम विश्वविद्यालय में शैक्षणिक अनियमितताओं की शिकायतों के बाद उठाया है।
क्या है मामला?
यूजीसी के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी के अनुसार, विश्वविद्यालय पीएचडी विनियमों और शैक्षणिक मानदंडों का पालन नहीं कर रहा था। जांच में पाया गया कि विश्वविद्यालय ने नियमों का उल्लंघन किया है। विश्वविद्यालय को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
क्या होगी कार्रवाई?
यूजीसी ने छात्रों और अभिभावकों को चेतावनी दी है कि वे इस विश्वविद्यालय के पीएचडी प्रोग्राम में दाखिला न लें। इस दौरान की गई पीएचडी डिग्री को उच्च शिक्षा और नौकरी के लिए मान्यता नहीं मिलेगी। यूजीसी ने सभी से अपील की है कि वे अपना समय और पैसा बर्बाद न करें।
पहले भी हुआ है विवाद
मोनाड यूनिवर्सिटी पहले भी विवादों में रही है। एसटीएफ ने हाल ही में यूनिवर्सिटी में छापेमारी कर भारी मात्रा में फर्जी डिग्रियां और मार्कशीट बरामद की थीं। इस मामले में यूनिवर्सिटी के चेयरमैन बिजेंद्र सिंह सहित 11 लोगों को जेल भेज दिया गया था। जांच में पता चला है कि यूनिवर्सिटी ने लगभग एक लाख फर्जी डिग्रियां बांटी हैं और 228 लोग सरकारी नौकरी कर रहे हैं ¹ ²।