उत्तर प्रदेश : समाजवादी पहले माहौल बिगाड़ते हैं, फिर सदन नहीं चलने देते, फतेहपुर घटना को लेकर सदन में हंगामा करने पर सपा विधायकों पर बरसे प्रदेश सरकार के मंत्री

Lucknow News : उत्तर प्रदेश विधानसभा का छोटा सत्र फतेहपुर की घटना को लेकर लगातार दूसरे दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। सरकार ने सदन में स्पष्ट किया कि घटना पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है, दोषियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी, फिर भी विपक्ष ने सदन नहीं चलने दिया। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना, आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने विपक्ष पर जानबूझकर अराजकता फैलाने और राजनीतिक लाभ लेने के आरोप लगाए।
सुरेश खन्ना बोले – कानून सम्मत तरीके से होगी कार्रवाई
वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने फतेहपुर की घटना उठाई, जिस पर उन्होंने उसी वक्त विस्तृत जवाब दिया। “क्राइम नंबर 319 के तहत एफआईआर दर्ज है। 10 नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। जिन धाराओं में केस हुआ है, वह गंभीर हैं और विवेचना के बाद दोषियों को सजा मिलेगी। पप्पू चौहान का नाम सामने आया है, जिन्हें समाजवादी पार्टी से निकाला गया है। यही इनका तरीका है – पहले घटना में शामिल होना, फिर सड़क और सदन में माहौल बिगाड़ना।” उन्होंने कहा कि छोटा सत्र ऐतिहासिक कार्यों के लिए था, लेकिन विपक्ष ने दोनों दिन सत्र नहीं चलने दिया।
नितिन अग्रवाल ने कहा – जीरो टॉलरेंस की सरकार, दोषी बचेंगे नहीं
आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि संसदीय कार्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष के सवाल का स्पष्ट जवाब दे दिया है। सरकार की नजर मामले पर है, सभी दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। जांच जारी है और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। यह सरकार करप्शन हो या कानून-व्यवस्था का मामला – जीरो टॉलरेंस पर काम करती है। उत्तर प्रदेश में किसी को माहौल खराब करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
दयाशंकर सिंह बोले – विपक्ष मुद्दाविहीन
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि विपक्ष ने जिस मुद्दे पर हंगामा किया, उस पर पहले से ही मुकदमा दर्ज है और कार्रवाई चल रही है। विपक्ष के पास न कोई मुद्दा है, न विजन। ये लोग गुंडागर्दी के आधार पर चुनाव लड़ते और सरकार चलाते हैं, इसलिए लोकतंत्र पर इनका भरोसा नहीं है। फतेहपुर मामले में चाहे दोषी सपा कार्यकर्ता हो या कोई और, कार्रवाई तय है।
तीनों मंत्रियों ने एक स्वर में कहा कि सरकार कानून के तहत ही आगे बढ़ेगी और किसी को भी राजनीतिक या साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी। विपक्ष को तथ्यों के बाद शांत हो जाना चाहिए, लेकिन उन्होंने व्यवधान डालकर जनता के कामकाज में बाधा पहुंचाई।