उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा में मॉडल रोड बनाने के लिए नहीं बनी सहमति
उत्तर प्रदेश, नोएडा: -कंपनी कम रेट पर काम करने को तैयार नहीं, तीसरी बार जारी होगा टेंडर

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा। नोएडा के उद्योग मार्ग को मॉडल रोड बनाने की योजना एक बार फिर अटक गई है। जिस एजेंसी को टेंडर प्रक्रिया के जरिए चुना गया था, अब उसके साथ रेट को लेकर प्राधिकरण की सहमति नहीं बन पा रही है। पहले भी यही दिक्कत आई थी और अब फिर से तीसरी बार टेंडर की प्रक्रिया दोहरानी पड़ेगी। हालांकि प्राधिकरण और निर्माण कंपनी के बीच बातचीत अभी भी चल रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है। इससे पहले भी एक बार निर्माण कंपनी के साथ रेट को लेकर सहमति नहीं बन पाई थी।
सेक्टर-1 के गोलचक्कर से लेकर सेक्टर-11 के झुंडपुरा तिराहे तक फैला हुआ करीब 2.5 किलोमीटर लंबा यह उद्योग मार्ग, नोएडा प्राधिकरण के मुख्य दफ्तर को जोड़ता है। यही वजह है कि इस रास्ते से वीआईपी, निवेशक और उद्योग जगत से जुड़े लोग आते-जाते रहते हैं। इस सड़क के दोनों ओर कई बड़ी औद्योगिक कंपनियां, कार शोरूम, दुकानें और अन्य व्यवसायिक गतिविधियां हैं। हर वक्त ट्रैफिक का दबाव बना रहता है। ऊपर से सड़क की चौड़ाई कम है, जिससे रोज़ाना जाम लगता है और लोगों को परेशानी होती है। इन्हीं कारणों से प्राधिकरण ने करीब एक साल पहले इसे मॉडल रोड में तब्दील करने का फैसला किया था।
टेंडर में लगातार हो रही परेशानी
इस योजना के लिए पहली बार पिछले साल टेंडर निकाले गए थे, लेकिन तीन-चार बार कोशिश करने के बाद भी किसी एजेंसी का फाइनल चयन नहीं हो सका। फिर छह महीने पहले एक एजेंसी तय की गई, लेकिन रेट को लेकर सहमति नहीं बनी। अब फिर से टेंडर निकाले गए और दूसरी कंपनी से बात हुई, लेकिन नतीजा फिर वही निकला। कीमतों को लेकर बात नहीं बनी। प्राधिकरण की योजना है कि इस मॉडल रोड परियोजना पर करीब 40 करोड़ रुपए खर्च किए जाएं। लेकिन अब तक कोई एजेंसी उस लागत पर राजी नहीं हो पाई है।
सीबीआई से लेनी पड़ी थी मंजूरी
एक और वजह जिसने इस प्रोजेक्ट को देर से शुरू करने में अहम भूमिका निभाई, वो है सीबीआई की अनुमति। दरअसल, 15 साल पहले इसी उद्योग मार्ग पर बिजली केबिल डालने को लेकर एक घोटाला हुआ था, जिसकी जांच अब सीबीआई कर रही है। इस वजह से प्राधिकरण को सड़क पर कोई भी निर्माण शुरू करने से पहले सीबीआई से इजाज़त लेनी पड़ी। इसके लिए प्राधिकरण ने सीबीआई को पत्र लिखा और जवाब आने में करीब 3 से 4 महीने लग गए। हालांकि अब सीबीआई ने निर्माण की अनुमति दे दी है, लेकिन सेक्टर-2 स्थित मंदिर के पास काम को सावधानी से करने की सलाह दी गई है। बाकी पूरे रास्ते पर निर्माण करने में कोई रोक नहीं है।
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