उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा डूब क्षेत्र की 2023 जैसी नहीं हो स्थिति
उत्तर प्रदेश, नोएडा: -डीएम से लेकर प्रशासनिक अधिकारी अलर्ट, दिल्ली में बढ़ रहा यमुना का जल स्तर

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा। दिल्ली में यमुना का जल स्तर बढ़ रहा है। मथुरा के नौहझील के आसपास के गांवों में जल भराव भी है। नोएडा यमुना पुश्ता में भी जल भराव हा सकता है। ये एरिया करीब 5 हजार हेक्टेयर का है। 2023 में यहां बाढ़ आई थी। जिसमें करीब 1200 लोगों का रेस्क्यू किया गया। इसे कही ज्यादा मवेशियों को बचाया गया। साथ ही 2000 हजार से ज्यादा लोगों के खाने पीने की व्यवस्था के लिए सामुदायिक किचन और आश्रय स्थल बनाए गए थे।
डीएम ने दिए बाढ़ से बचने के निर्देश
जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग को निर्देशित किया कि वह नियमित रूप से नदियों के जल स्तर की निगरानी करें । समय-समय पर प्रशासन को अवगत कराएं। बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांव के लोगों को सतर्क रहने और पानी बढ़ने की संभावना के बारे में लगातार जानकारी दी जाए। प्राधिकरणों के अधिकारियों से कहा कि डूब क्षेत्रों में जो गोशालाएं है, उनको लेकर भी ऑप्शनल व्यवस्था रखी जाए। डूब क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए गोवंशों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा जा सके। बाढ़ जैसी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए समन्वय बनाते हुए अपनी सभी तैयारियों को पूरा करे।
बागान की बजाए बने स्टेडियम
सेक्टर-94 से हिंडन बैराज तक पुश्ता रोड और यमुना के 5 हजार हेक्टेयर एरिया को देखा। सेक्टर-94 से तीन से चार किमी चलने पर ही हमें वही नजारा दिखा तो 2023 में बाढ़ आने से पहले का था। थोड़ा बहुत बदलाव भी नजर आया। पुश्ता रोड पूरी तरह से खस्ता है। डूब क्षेत्र में जहां नर्सरी और बागान होने चाहिए थे, वहां आलीशान क्रिकेट ग्राउंड थे। उनमें फ्लड लाइट लगी थी। एक मैदान नहीं ऐसे दर्जनों मैदान वहां बना दिए गए। जिनकी बुकिंग के लिए बोर्ड पर नंबर तक दिए गए थे।
2023 में रातोरात आया था पानी
दरअसल अगस्त 2023 में हरियाणा के हथनी कुंड बांध के दरवाजे खोले गए। रातों रात डूब क्षेत्र में पानी भरा। सुबह तक सारे फॉर्म हाउस से लेकर हजारों लोग गौ वंश इस बाढ़ की चपेट में आ गए। आनन-फानन रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। लोगों को स्टीमर, ट्रैक्टर ट्राली के जरिए बाहर निकाला गया। कई गोवंश मर गए। कितने बह गए, इनकी संख्या का कोई आकलन नहीं था।
इन सेक्टर और गांव होते प्रभावित
नोएडा में यमुना सेक्टर-94, 124, 125, 127, 128, 131, 133, 134, 135, 168 के अलावा 150 से होकर निकलती है। इसी तरह हिंडन नदी छिजारसी से प्रवेश करते हुए सेक्टर-63ए, बेहलोलपुर, शहदरा, सुथियाना, गढ़ी चौखंड़ी,
सेक्टर-123, 118, 115, 143, 143ए, 148, 150, मोमनाथल के पास यमुना में मिलती है। यह दोनों ही नदिया नोएडा को चारों तरफ से घेरे हुए हैं और नदियों के किनारे की जमीन को ही डूब क्षेत्र कहते हैं, जहां पर खरीद-फ़रोख़्त प्रतिबंध है।
पुश्ता रोड पर लगा प्राधिकरण का चेतावनी बोर्ड
पुश्ता रोड पर चेतावनी बोर्ड भी लगे है। जिसमें साफ लिखा है कि एनजीटी के आदेशानुसार यहां किसी प्रकार का पक्का निर्माण नहीं किया जा सकता है। लेकिन यहां फार्म हाउसों का निर्माण किया गया है। ये फार्म हाउस रात में गुलजार रहते है।