उत्तर प्रदेश, नोएडा: निंबस बिल्डर को पांच वर्ष के शून्य काल का लाभ मिलेगा
उत्तर प्रदेश, नोएडा: निंबस बिल्डर को पांच वर्ष के शून्य काल का लाभ मिलेगा

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा।प्रदेश सरकार ने सेक्टर-22ए स्थित आईआईटीएल निंबस द पाम विलेज को बड़ी राहत दी है। सरकार ने यमुना प्राधिकरण के वर्ष 2022 के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें प्राधिकरण ने बिल्डर की जमीन कम करते हुए 16.83 करोड़ अतिरिक्त शुल्क की मांग की थी। यमुना प्राधिकरण ने वर्ष 2011 में सेक्टर-22ए में बिल्डर को 1,03,505 वर्ग मीटर जमीन ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए दी थी। वर्ष 2014 में बिल्डर ने 1906 फ्लैट बनाने समेत परियोजना का नक्शा पास कराया था। इसके बाद दिसंबर 2016 की प्रोजेक्ट सेटलमेंट पॉलिसी (पीएसपी) के तहत बिल्डर ने कुछ जमीन वापस करने की अर्जी दी थी।
प्राधिकरण ने पहले 55152 वर्ग मीटर जमीन रखने की अनुमति दी, लेकिन बाद में ऑडिट आपत्ति के कारण इसे घटाकर 47,776.52 वर्ग मीटर कर दिया और ब्याज को वापसी राशि में शामिल नहीं किया। साथ ही बिल्डर पर अतिरिक्त शुल्क लगाया, जिसके चलते परियोजना का निर्माण शुरू करने में देरी हुई। इस मामले में प्राधिकरण के फैसले के खिलाफ बिल्डर ने उत्तर प्रदेश अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग में याचिका दायर की। विगत 15 जुलाई 2025 को विशेष सचिव पीयूष वर्मा ने प्राधिकरण के जमीन कम करते हुए अतिरिक्त शुल्क के फैसले को रद्द कर दिया। उन्होंने कहा कि बिल्डर को पीएसपी के नियमानुसार वापसी की जाने वाली राशि में ब्याज भी जोड़ा जाना चाहिए। यीडा को आदेश दिए कि वह जमीन की गणना दोबारा करे। इसमें ब्याज को शामिल करे और जमीन वापसी की तारीख के बाद की कोई पेनल्टी या ब्याज ना लगाए। राज्य सरकार ने माना कि यीडा की तरफ से पीएसपी आवेदन की प्रक्रिया में देरी और जमीन मापने को लेकर विवाद के कारण वर्ष 2017 से 2022 तक देरी हुई। ऐसे में बिल्डर को इन पांच वर्ष के शून्य काल का लाभ देने का फैसला लिया गया है।
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