उत्तर प्रदेश, नोएडा: जल कनेक्शन विच्छेदन का नहीं दिया प्रमाण, अब देना होगा बिल
उत्तर प्रदेश, नोएडा: जल कनेक्शन विच्छेदन का नहीं दिया प्रमाण, अब देना होगा बिल

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा। जल कनेक्शन के विच्छेदन का प्रमाण नहीं दिए जाने पर मकान मालिक को बिल की पूरी राशि का भुगतान नोएडा प्राधिकरण को करना होगा। बिल निरस्त कराने के लिए दायर वाद को जिला उपभोक्ता आयोग ने खारिज कर दिया। आयोग के अध्यक्ष अनिल कुमार पुंडीर और सदस्य अंजु शर्मा ने सुनवाई की।
नई दिल्ली निवासी सुशील कुमार के पिता स्व. रधुवीर सिंह ने नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर 31 में भूखंड आवंटन कराया था। 3 अगस्त 1985 को एक लीजडीड भी रजिस्टर्ड की गई। 12 अगस्त 1991 को उन्होंने जल कनेक्शन के लिए जल विभाग में आवेदन किया था। 4469 रुपये जमा कराने के बाद उनको कनेक्शन जारी कर दिया गया। 14 अगस्त 1991 में मकान में कनेक्शन लग गया। उसके बाद मकान पर बिजली का कनेक्शन लेने के बाद प्राधिकरण ने उनको कंप्लीशन जारी कर दिया। 1992 में उनके जल मूल्य के 1200 रुपये जमा कर दिया। उसके बाद जल विभाग के अधिकारियों से मिलकर कनेक्शन की जरूरत नहीं होने की जानकारी दी गई। कनेक्शन काटने का लिए कहा गया। बिल का भुगतान करने के बाद कनेक्शन काटने का भरोसा दिया गया।
उसके बाद उनको फिर से एक बिल मिला। इस पर मकान स्वामी ने कनेक्शन नहीं होने की जानकारी दी। उनको गलती से बिल जारी होना बताया गया। आगे से बिल नहीं भेजने का आश्वासन दिया। सात फरवरी 2023 को उनके घर पर प्राधिकरण के जल मूल्य के 4.92 लाख रुपये बकाया का पत्र मिला। जबकि उनके पिता की मृत्यु के बाद विभाग से नो-ड्यूज प्रमाण-पत्र लेने के बाद उनके नाम पर भूखंड स्थानांतरण किया था। उनके द्वारा कनेक्शन नहीं होने की जानकारी दी। उनसे कनेक्शन काटे जाने का कोई कागजात मांगा। उनको बताया गया कि आपके नाम पर कनेक्शन चालू है। नोएडा के जल विभाग के द्वारा कनेक्शन कटा होने के बाद भी बिल की मांग होने पर जिला उपभोक्ता आयोग में वाद दायर किया।
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