उत्तर प्रदेश, नोएडा: थाईलैंड-दुबई से क्रिकेट मैच पर सट्टा लगवाने वाले गिरोह का पर्दाफाश
उत्तर प्रदेश, नोएडा: थाईलैंड-दुबई से क्रिकेट मैच पर सट्टा लगवाने वाले गिरोह का पर्दाफाश

अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, नोएडा।कासना कोतवाली पुलिस और स्वाट टीम ने क्रिकेट मैच पर ऑनलाइन सट्टा लगवाने वाले गिरोह का रविवार को पर्दाफाश किया। ग्रेनो वेस्ट की दो अलग-अलग सोसाइटी से आठ सटोरियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपी ऐप के जरिये यह काम करते थे। यह गिरोह थाईलैंड और दुबई से चलाया जा रहा था। ग्रेटर नोएडा के डीसीपी साद मियां खान ने बताया कि कासना कोतवाली पुलिस और स्वाट टीम ने अलवर राजस्थान के दो युवकों के अपहरण की झूठी कहानी की जांच के दौरान अंतर्राष्ट्रीय सट्टा गिरोह का पर्दाफाश किया।
पुलिस टीम ने ग्रेनो वेस्ट की व्हाइट आर्किड और राधा स्काई गार्डन सोसाइटी से आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान भीम सिंह और नारायण (राजस्थान), ध्रुव और सन्नी जेतवा (गुजरात), मुकीम (हरियाणा), विशाल कुमार (हरियाणा), हिमांशु और सुखदेव सिंह (दिल्ली) के रूप में हुई है। ये सभी नोएडा की हाईराइज सोसायटियों में किराये पर रहकर सट्टेबाजी का यह पूरा रैकेट चला रहे थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से चार लैपटॉप, 26 मोबाइल फोन, 16 सिम कार्ड, तीन बैंक पासबुक, दो चेकबुक, एक पासपोर्ट, दो रजिस्टर जिनमें प्रतिदिन का हिसाब लिखा बरामद किया है। खुलासा राजस्थान से आए एक व्यक्ति के अपने बेटे के अपहरण की सूचना पर हुआ। जांच में सामने आया कि यह पूरी कहानी एक सुनियोजित षड्यंत्र थी, जो अंतरराष्ट्रीय सट्टा नेटवर्क से जुड़ी हुई थी, जिसमें अपरहण की सूचना भी फर्जी निकली है।।डीसीपी ग्रेटर नोएडा शाद मियां खान ने बताया कि 12 जून को थाना कासना क्षेत्र में एक व्यक्ति सुभाष चंद्र ने डायल 112 पर कॉल कर सूचना दी कि उसके 22 वर्षीय बेटे भीम सिंह और भतीजे नारायण का अपहरण हो गया है। कॉलर ने बताया कि उन्हें अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन कर सात लाख रुपये की फिरौती मांगी गई है। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कासना पुलिस और स्वाट टीम को जांच में लगाया गया। पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और मैनुअल इंटेलिजेंस की मदद से लोकेशन का पता लगाया, जो गौर सिटी क्षेत्र स्थित व्हाइट ऑर्किड अपार्टमेंट और राधा स्काई गार्डन सोसाइटी निकला। यहां तलाशी लेने पर ध्रुव नामक युवक सहित तीन अन्य आरोपी मिले। तलाशी के दौरान पुलिस को लैपटॉप, मोबाइल फोन, अवैध सिम और फर्जी दस्तावेज बरामद हुए।
सट्टेबाजी एप रुद्रा क्रिक लाइव से जुड़े थे आरोपी
पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे लोग रुद्रा क्रिक लाइव के जरिए लाइव क्रिकेट मैचों पर सट्टा लगाते हैं। एप पर व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से ग्राहक जोड़कर उन्हें सट्टेबाजी की आईडी दी जाती थी। यह आईडी इंटरनेशनल नेटवर्क से लिंक होती थी और सारा काम मोबाइल और लैपटॉप के जरिए किया जाता था।
रोजाना 30 लाख रुपये का लेनदेन
मुख्य अभियुक्त भीम सिंह ने बताया कि उनके गिरोह के सदस्य रोजाना लगभग 30 लाख तक की सट्टेबाजी करते थे। यह रकम फर्जी नामों से खोले गए खातों में ट्रांसफर की जाती थी, जिसे गिरोह का सरगना जो कि थाईलैंड और दुबई में बैठा है, वहां से ऑपरेट करता था। गिरोह को फर्जी दस्तावेज, बैंक अकाउंट, सिम कार्ड आदि वहीं से उपलब्ध कराए जाते थे।
अपहरण की कहानी थी झूठी
पुलिस ने जब भीम सिंह से पूछताछ की तो उसने बताया कि यह अपहरण की कहानी खुद उसने और उसके साथियों ने बनाई थी ताकि वह अपने पिता से कुछ पैसे वसूल सके। इसके लिए उन्होंने अपने ही मोबाइल से कॉल करके फिरौती मांगी थी।