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उत्तर प्रदेश, नोएडा: टैरिफ बढ़ने से जिले में निर्यात घटा

उत्तर प्रदेश, नोएडा: -महीने भर में 40 प्रतिशत कम हो गया निर्यात, अब ओर गिरने का सता रहा

अजीत कुमार

उत्तर प्रदेश, नोएडा। अमेरिका की ओर से कपड़ा निर्यात समेत अन्य उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगने से निर्यात का ग्राफ लगातार गिरने लगा है। पहले टैरिफ की घोषणा से बीते महीनेभर में ही 40 प्रतिशत तक निर्यात घट गया है। जिले के उद्यमियों को अभी और निर्यात घटने का डर सता रहा है। हालांकि, निर्यातक नुकसान की भरपाई के लिए दूसरे देशों का भी रुख कर रहे हैं। उद्यमियों के अनुसार, जिले से अमेरिका समेत विश्व के अन्य देशों में 92 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया जाता है। इसमें कपड़ा निर्यात, ऑटो पार्ट्स, लेदर, हस्तशिल्प, हथकरघा समेत अन्य सेक्टर से उत्पाद शामिल हैं।

शहर के उद्यमियों के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार है। अकेले अमेरिका से ही सालाना करीब 30 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होता था। अगस्त महीने में ही 25-25 प्रतिशत दो बार टैरिफ बढ़ने के बाद उद्यमियों की चिंता काफी बढ़ गई है। उद्यमियों का कहना है कि अमेरिका के साथ जिस तरह की स्थिति बनी हुई, जल्द मामला सुलझता हुआ भी नजर नहीं आ रहा। ऐसे में उन्होंने यूरोप, ब्राजील, दक्षिण अमेरिका आदि देशों के खरीदारों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। हालांकि, अभी तक नए देशों में ऑर्डर नहीं मिले हैं। टैरिफ बढ़ने से पैदा हुई उतार-चढाव की स्थिति से बीते महीने भर में 40 प्रतिशत निर्यात कम हो चुका है। निर्यातक अभिषेक मिश्रा ने बताया कि जल्द स्थिति नहीं सुधरी तो आने वालों महीनों में स्थिति ओर बिगड़ जाएगी। उन्होंने बताया कि उनका अमेरिका को हर महीने दो से तीन हजार करोड़ रुपये का औसतन निर्यात होता था। अब महीने भर में निर्यात घटकर एक हजार से 15 सौ करोड़ रुपये रह गया है। इस स्थिति से उभर पाना उद्यमियों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है। निर्यातक अंकुर गोयल ने बताया कि उम्मीद है कि नवंबर 2025 तक अमेरिका के साथ रिश्ते सामान्य हो जाएंगे, लेकिन अभी के हो रहे नुकसान की भविष्य में आसनी से भरपाई भी नहीं हो पाएगी। वित्त वर्ष 2025-26 में अमेरिका के साथ कारोबार करने वाले निर्यातकों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहेंगे। ऐसे में लाभ कम होता नजर आ रहा है। इस स्थिति से उभारने के लिए सरकार को कुछ राहत देनी चाहिए। ‘ईएमआई में भी राहत दी जाए हथकरघा और हस्तशिल्प निर्यातक कल्याण संघ के अध्यक्ष सीपी शर्मा ने बताया कि अधिकांश उद्यमियों ने बैंकों से ऋण ले रखा है। ऐसे में अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव की वजह से कारोबार डगमगाने लगा है। ऐसे में कोरोना काल के दौरान ईएमआई में भी छूट दी गई थी, उसी तरह अब भी छूट दी जाए, ताकि उद्यमियों को कुछ राहत मिल सके। निर्यात प्रोत्साहन राशि एक प्रकार की सब्सिडी निर्यात प्रोत्साहन राशि केंद्र सरकार की ओर से निर्यातकों को दी जाने वाली एक तरह की सब्सिडी होती है। इसका उद्देश्य देश के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाना और निर्यात को बढ़ावा देना होता है। विदेश राजस्व को बढ़ाना होता है। अभी अमेरिका के साथ निर्यात में गिरावट आई है। शहर के उद्यमियों को उम्मीद नहीं थी कि भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लागू हो जाएगा। इस टैरिफ की वजह से निर्यात प्रभावित हुआ है। इस नुकसान से जल्द उभर पाना मुश्किल है। -ललित ठुकराल, अध्यक्ष, नोएडा अपैरल पार्क एकाएक टैरिफ बढ़ने से निर्यात में गिरावट आती है। महीने भर में निर्यात कम हो गया है। जल्द स्थिति नहीं सुधरी तो निर्यात में ओर गिरावट आएगी। कोई भी उद्यमी नुकसान में कारोबार नहीं करेगा। ऐसे में निर्यात में अमेरिका के साथ करीब 40 प्रतिशत तक गिरावट आई है। -राजीव बंसल, उपाध्यक्ष, आईआईए।

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