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उत्तर प्रदेश, नोएडा: पौवारी गोशाला में बायोगैस संयंत्र स्थापित होगा

उत्तर प्रदेश, नोएडा: पौवारी गोशाला में बायोगैस संयंत्र स्थापित होगा

अजीत कुमार

उत्तर प्रदेश, नोएडा।पौवारी गांव के पास स्थित नंदी गोशाला में गोबर और अन्य अपशिष्ट से कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) बनाने के लिए संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इसकी क्षमता 50 टीपीडी (टन प्रतिदिन) होगी। इच्छुक कंपनियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 जनवरी है।

प्राधिकरण ने पौवारी गांव में गोशाला का निर्माण किया है। इसकी क्षमता फिलहाल 500 गोवंश की है। इसका संचालन जल्द शुरू कर दिया जाएगा। गोवंश से उत्सर्जित होने वाले गोबर और अन्य अपशिष्ट का निस्तारण के लिए बायोगैस संयंत्र लगाया जाएगा। इसके लिए आरएफपी (प्रस्ताव का अनुरोध) जारी की गई है। इच्छुक कंपनियां 30 जनवरी तक आवेदन कर सकती हैं। प्राधिकरण अधिकारी के मुताबिक संयंत्र स्थापित करने पर आने वाला खर्च संबंधित कंपनी ही उठाएगी। गोबर और अन्य अपशिष्ट प्राधिकरण मुहैया कराएगा। संयंत्र लगाने में करीब 17 करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन है, जिसे कंपनी खुद वहन करेगी। रोजाना 50 टन गोबर नहीं होने पर आसपास के गांवों से गोबर और घरेलू कचरा लेकर प्रक्रिया की जाएगी। बायो गैस बनाने से कंपनी को जो आमदनी होगी, उसका कुछ हिस्सा प्राधिकरण को देना होगा। बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी को जिम्मेदारी दी जाएगी। बायोगैस संयंत्र से होने वाली आमदनी गोशाला के रखरखाव पर खर्च की जाएगी।

जलपुरा गोशाला के लिए कंपनी का चयन

प्राधिकरण ने जलपुरा गोशाला के लिए एस 3 फ्यूल कंपनी का चयन कर लिया गया है। कंपनी जल्द ही संयंत्र लगाने का काम शुरू करेगी। संयंत्र को बनाने में लगभग डेढ़ साल का समय लगेगा।

क्या है कम्प्रेस्ड बायो गैस

कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) एक प्रकार का ईंधन है। यह अत्यंत ज्वलनशील पदार्थ है, जिसका उपयोग वाहनों को चलाने के साथ ही खाना पकाने और अन्य कई कामों के लिए किया जा सकता है। बायो गैस गोबर, कृषि अपशिष्ट, ठोस अपशिष्ट आदि को शोधित करने के बाद बनाई जाती है।

गोबर और अन्य अपशिष्ट के निस्तारण की समस्या को दूर करने के लिए पौवारी गोशाला में 50 टीपीडी क्षमता का बायो गैस संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इसके लिए इच्छुक कंपनियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। बायो गैस संयंत्र बनने से गोशाला के साथ-साथ क्षेत्र के गांवों में भी गोबर के निस्तारण की समस्या दूर हो जाएगी। इससे आमदनी भी होगी।

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