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उत्तर प्रदेश, नोएडा: किसानों पर दर्ज मुकदमें होंगे वापस, मुख्य सचिव से होगी वार्ता

उत्तर प्रदेश, नोएडा: किसानों पर दर्ज मुकदमें होंगे वापस, मुख्य सचिव से होगी वार्ता

अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, नोएडा। गौतमबुद्व नगर के किसानों कि समस्याओं को लेकर शुक्रवार को अखिल भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान परिषद, किसान एकता संघ के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस कमिश्नर एवं डीएम से मिला। इस दौरान अधिकारियों ने मुख्य सचिव स्तर पर शीघ्र ही वार्ता कराने का आश्वासन दिया। वहीं पुलिस कमिश्नर ने किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस करने का आश्वासन दिया।

किसानों के प्रतिनिधिमंडल में डॉ रुपेश वर्मा, सुखबीर खलीफा, सोरन प्रधान सहित 15 सदस्य शामिल रहें। प्रतिनिधिमंडल पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह और डीएम मनीष कुमार वर्मा से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस कमिश्नर से किसानों पर दर्ज फर्जी मुकदमे वापस करने एवं वादे के अनुसार 10 फीसदी आबादी प्लॉट और नए कानून के मुद्दे पर मुख्य सचिव सचिव स्तर की वार्ता कराने की मांग की। पुलिस कमिश्नर ने डीएम की उपस्थिति में कहा कि मुकदमे वापस करने पर मैं जरूर विचार करूंगी। डीएम ने कहा कि मुख्य सचिव के साथ जल्दी ही वार्ता कराई जाएगी। इसके साथ ही एक वार्ता प्राधिकरण के तीनों मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के साथ कराई जाएगी। बातचीत के बारे में किसान सभा के जिलाध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने पत्रकारों को बताते हुए कहा कि हमने उपस्थित अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कहा है कि शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन किसानों का हक है। किसानों का दमन उत्पीड़न करने से समस्याएं हल होने वाली नहीं है। हम अपनी समस्याओं को लेकर गंभीर एवं संकल्पबद्ध हैं। कोई भी सरकार, डीएम अथवा कमिश्नर संविधान और कानून से ऊपर नहीं है। समस्याओं का हल किए बिना धरना-प्रदर्शनों से निजात नहीं पाई जा सकती।किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने कहा कि हमें पुलिस प्रशासन ने ही दलित प्रेरणा स्थल पर जगह आवंटित की थी। पुलिस प्रशासन ने 7 दिन में मुख्य सचिव स्तर की वार्ता करने का आश्वासन दिया था, परंतु पुलिस प्रशासन ने अपने वादे से मुकरते हुए बिना किसी वजह के किसानों को जबरन बदसलूकी करते हुए धरना स्थल से गिरफ्तार कर 307 जैसी संगीन धाराओं में आंदोलन को दमन करने एवं कुचलने के इरादे से जेल भेजा। जो स्पष्ट रूप से पुलिस प्रशासन द्वारा सत्ता के दुरुपयोग का मामला है।

बातचीत सकारात्मक रही
किसान एकता संघ के सोरन प्रधान ने कहा कि अधिकारियों से पूरी तरह साफ और स्पष्ट रूप से बातचीत की गई। बातचीत सकारात्मक रही है। अधिकारियों ने प्रथम चरण में तीनों प्राधिकरणों के अधिकारियों एवं डीएम के साथ बातचीत करने एवं उसके तुरंत बाद अति शीघ्र मुख्य सचिव स्तर पर बातचीत कराए जाने का ठोस आश्वासन दिया है। किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि हम किसी दबाव में आने वाले नहीं है।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन का हमारा अधिकार बाबा साहब अंबेडकर की देन है। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन किसानों के 10 फीसदी प्लाट एवं नए कानून को लागू करने की तुरंत कार्रवाई करें अन्यथा जिले के किसान जल्दी ही आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। किसान परिषद के नेता उदल आर्य ने कहा कि जब कभी भी सत्ता के दुरुपयोग द्वारा आंदोलन को दबाने की कोशिश हुई है आंदोलन और बड़े रूप में उभर कर आया है।किसान एकता संघ के नेता मनीष प्रधान ने कहा कि तीनों संगठन वचनबद्ध हैं। तीनों संगठनों के नेता अभी जेल से रिहा होकर आए हैं। वे अब भी हर खतरा मोल लेने को तैयार हैं। चाहे जितना दमन उत्पीड़न हो, परंतु पीछे हटने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि किसान संगठन 10 फीसदी प्लाट एवं नए कानून को लागू करा कर ही दम लेंगे।

मारपीट की होगी जांच
वहीं दूसरी तरफ गंगेश्वर दत्त शर्मा कि कोर्ट में शुक्रवार को हुई जमानत की सुनवाई में पुलिस द्वारा केस डायरी नहीं पहुंचने पर भी नाराजगी सीपी के समक्ष किसान नेताओं ने दर्ज की। अब इस मामले में सोमवार की तारीख लगी है। पुलिस कमिश्नर ने केस डायरी पहुंचाने का आश्वासन दिया। L इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल ने दनकौर के थाना प्रभारी द्वारा महिलाओं के साथ मारपीट करने का मामला उठाया। जिस पर कमिश्नर ने जांच करने का आश्वासन दिया है। प्रतिनिधिमंडल में डॉ रुपेश वर्मा, सुखबीर खलीफा, सोरन प्रधान, कुंवरपाल प्रधान, शिशांत भाटी, निशांत रावल, सचिन एडवोकेट, गबरी मुखिया, सुरेश यादव सहित अन्य शामिल रहें।

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