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उत्तर प्रदेश, नोएडा: इनवर्टर की खाली बाड़ी में उड़ीसा से गांजा छिपाकर लाने वाले गिरोह के सरगना समेत चार तस्कर गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश, नोएडा: इनवर्टर की खाली बाड़ी में उड़ीसा से गांजा छिपाकर लाने वाले गिरोह के सरगना समेत चार तस्कर गिरफ्तार

अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, नोएडा।उड़ीसा से इनवर्टर की खाली बाड़ी में गांजा छिपाकर दिल्ली लाने वाले गिरोह के सरगना समेत चार तस्करों को फेज दो थाने की पुलिस और सीआरटी ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए सोमवार को दबोच लिया। तस्करों के पास से इनवर्टर की बाड़ी में रखा 108 किलो गांजा बरामद हुआ है। बरामद गांजे की बाजार में कीमत 30 लाख रुपये के आसपास बताई जा रही है।

डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि नशा तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस कमिश्नर के निर्देशन में व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। थानों की पुलिस के अलावा सीआरटी और स्वॉट की टीमें भी अभियान का हिस्सा हैं। सोमवार को टीमों को सूचना मिली गांजे की तस्करी के लिए कुछ तस्कर ग्राहक तलाशने के लिए निकले हैं। इसके बाद टीमों ने निगरानी बढ़ा दी और समूह बनाकर चेकिंग अभियान चलाया। सेक्टर-88 के निम्मी विहार के सामने जब पुलिस टीम चेकिंग कर रही थी, उसी दौरान चार युवक उधर से गुजरे। संदिग्ध लगने पर जब टीम ने युवकों से पूछताछ की तो सामने आया कि सभी शातिर किस्म के गांजा तस्कर हैं और उनके तार उड़ीसा से होने वाली तस्करी से जुड़े हैं। तस्करों की पहचान मुजफ्फरनगर के छपार निवासी अब्दुल्ला और सोवान, महमूदनगर निवासी शाबान और समीर हसन के रूप में हुई है।

 

अब्दुल्ला ही गिरोह का सरगना

अब्दुल्ला, शाबान हसन और समीर हसन की उम्र 20 साल जबकि सोवान की 19 साल है। सरगना अब्दुल्ला अशिक्षित है। शाबान और समीर आठवीं जबकि सोवान पांचवीं पास है। गिरोह से जुड़े अन्य तस्करों की भी जानकारी जुटाई जा रही है। गिरफ्त में आए तस्करों का आपराधिक इतिहास पता करने के लिए सेंट्रल नोएडा जोन की पुलिस ने आसपास के जिलों और राज्यों के थानों से संपर्क किया है।

टीम को मिला ईनाम

गिरोह का पर्दाफाश करने वाली टीम को डीसीपी सेंट्रल नोएडा की ओर से 25 हजार रुपये का इनाम दिया गया है। रेलमार्ग से हो रही थी तस्करी: पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की तो गिरोह के सरगना ने बताया कि वह उड़ीसा से इनवर्टर की खाली बाड़ी में गांजा रेलमार्ग से लाता है। आरोपी ऐसे रेलवे स्टेशन पर उतरते हैं, जहां पर तलाशी नहीं होती या कभी-कभी होती है। अब्दुल्ला को गांजा उड़ीसा का रहने वाला आयुष उपलब्ध कराता है। पुलिस ने आयुष को भी आरोपी बनाया है और उसकी गिरफ्तारी के लिए एक टीम गठित कर दी है।

तीन गुना कीमत बेचते थे गांजा

उड़ीसा से मंगाए गए गांजे को गिरोह के सदस्य बेचकर तीन गुना मुनाफा कमाते हैं। बीते एक साल से गिरोह के सदस्य गांजे की तस्करी के धंधे में संलिप्त थे। ऐसे करते हैं संपर्क: गिरोह के सदस्य पुलिस की पकड़ में न आ सकें इसके लिए वह व्हाट्सऐप कॉल पर ही संपर्क करते हैं। कोड भाषा में बातचीत करते हैं। अगर मोबाइल पर कुछ मैसेज तस्करी से संबंधित लिखना होता है तो कोड भाषा की इस्तेमाल होता है। ऐसे में अगर चैट किसी के हाथ लग भी जाए तो उसे लगेगा की गिरोह के सदस्यों के बीच में सामान्य बातचीत हो रही है।

इन इलाकों में करते थे तस्करी

आरोपी दिल्ली-एनसीआर के अलावा पश्चिमी यूपी के विभिन्न जनपदों में भी गांजे की तस्करी करते हैं। हर जिले में सरगना के एजेंट हैं। एजेंट को सरगना द्वारा उपलब्ध कराए गए गांजे को बेचकर जो मुनाफा मिलता है उसका आधा पैसा वह रख लेता है। बाकी की रकम सरगना को ले लेता है। जिले के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र भी गिरोह के सदस्यों के नियमित ग्राहक हैं।

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