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हरियाणा, चंडीगढ़: नवाचार आज की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने का मूलमंत्र- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

हरियाणा, चंडीगढ़: नवाचार आज की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने का मूलमंत्र- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

हरियाणा, चंडीगढ़, 25 अप्रैल -हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि नवाचार आज की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने का एक मूलमंत्र है। एआई, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, नवीकरणीय ऊर्जा और बायोटेक जैसे क्षेत्र नए भारत के उभरते स्तंभ हैं। हरियाणा ने भी एक मजबूत नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

 

मुख्यमंत्री आज पूसा भवन नई दिल्ली में आयोजित समृद्ध एवं महान भारत ‘इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस विजन 2047’ को सम्बोधित कर रहे थे। इस तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के विश्व विद्यालयों में इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए गए हैं। शिक्षण संस्थानों में टिंकरिंग लैब स्थापित की गई हैं। इसके अलावा अटल इनोवेशन को जमीन पर लागू करने के लिए विद्यार्थियों में अनुसंधान की प्रवृत्ति को बढ़ाया जा रहा है। गुरुग्राम में हरियाणा इनोवेशन हब स्थापित किया गया है। इसके साथ ही हर जिले में भी इनोवेशन हब बनाए जा रहे हैं।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र और विकास के हर पहलू में ए.आई. का बड़ा महत्व है। इसलिए हरियाणा में ए.आई. मिशन का गठन कर गुरुग्राम और पंचकुला में एक-एक हब स्थापित किया जाएगा। इनमें हरियाणा के 50 हजार से अधिक युवाओं और पेशेवरों को अति-आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे युवा नई नौकरियों और अवसरों के लिए तैयार हो सकेंगे।

 

इस सम्मेलन में स्वदेशी शोध संस्थान, नई दिल्ली, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय, मध्य प्रदेश और यूनिवर्सिटी ऑफ एग्डर, नॉर्वे के पदाधिकारियों ने भाग लिया।

 

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सम्मेलन न केवल एक वैचारिक मंच है, बल्कि यह सबकी साझा आकांक्षाओं, राष्ट्रीय लक्ष्यों और भविष्य की दिशा का निर्धारण करने का एक प्रेरक अवसर है। जनसांख्यिकी का उपयोग और रोजगार के लिए रणनीतियां बड़ा ही समसामयिक और प्रासंगिक है। जनसंख्या का सही उपयोग करने के लिए शिक्षा, उद्यमिता, नवाचार और युवा जनसंख्या स्थायित्व कारगर उपकरण है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 की कल्पना कीजिए, जिस समय भारत अपनी आजादी की 100वीं वर्षगांठ मना रहा होगा। जब हम अपनी आजादी का उत्सव मनाएंगे, तब यह मूल्यांकन भी करेंगे कि हमने इस आजादी का उपयोग किस दिशा में किया है। भारत को एक समृद्ध, शक्तिशाली और आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है।

 

उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य हम सभी 140 करोड़ भारतीयों का सामूहिक संकल्प है। यह हमें उस भारत की ओर ले जाता है जो आर्थिक रूप से सशक्त, सामाजिक रूप से समावेशी और शैक्षणिक एवं तकनीकी रूप से अग्रणी, सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर तथा विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता रखता हो। यह सबको साथ लेकर सबके सपनों को साकार करने का संकल्प है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा युवा देश है। हमारी 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। हमारा यह डेमोग्राफिक डिविडेंट हमारी सबसे बड़ी ताकत है। परंतु यह लाभ तभी सार्थक होगा, जब हम अपने युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देंगे, उनका कौशल विकास करेंगे और उन्हें नवाचार एवं उद्यमशीलता से जोड़ेंगे।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हमारी युवा शक्ति को सकारात्मक दिशा देने के लिए मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और कौशल विकास योजना जैसे अनेक कार्यक्रम राष्ट्र को दिए हैं। हमारी नई पीढ़ी को 21 वी शताब्दी की जरूरत के अनुसार शिक्षा देने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है। प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के लिए युवा शक्ति को अहम स्तंभ माना है। हरियाणा में उनके इसी मंत्र को लेकर कार्य कर रहे हैं।

 

उन्होंने कहा कि हरियाणा, क्षेत्रफल में छोटा होने के बावजूद, भारत की आर्थिक प्रगति का एक सशक्त इंजन है। हमारी प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से लगभग दोगुनी है और हम भारत की जी.डी.पी. में 3.8 प्रतिशत का योगदान देते हैं। इसमें हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारी युवा आबादी है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा वह नींव है, जिस पर एक समृद्ध और सशक्त राष्ट्र का निर्माण होता है। हरियाणा में हमने शिक्षा को सभी के लिए सुलभ और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। शिक्षा को रोजगार से जोड़ा है। ड्यूल एजुकेशन मॉडल को बढ़ावा देकर विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ कार्य का अनुभव भी दिया जा रहा है। स्कूल स्तर पर ही कोडिंग, ए.आई. और डिजिटल साक्षरता जैसे विषयों को शामिल किया गया है।

 

उन्होंने कहा कि शिक्षा के बाद, कौशल विकास वह सेतु है जो युवाओं को रोजगार और उद्यमिता की ओर ले जाता है। स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक की शिक्षा को कौशल के साथ जोड़ा है। स्कूलों में एन.एस.क्यू.एफ. व कॉलेजों में पहल योजना शुरू की गई है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा की पहचान मजबूत कृषि अर्थव्यवस्था से है। हमारे किसान मेहनती और प्रगतिशील हैं, लेकिन बदलते समय के साथ यह जरूरी है कि खेती में भी नवाचार हो। हम होरिजोंटल फार्मिंग के साथ-साथ वर्टिकल फार्मिंग को बढ़ावा दे रहे हैं। कृषि पर्यटन एक ऐसा नवाचार है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इस क्षमता को देखते हुए फॉर्म पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा हैं। विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा, जब हम पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देंगे।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में विकास प्रक्रिया और विकास के मध्य संतुलन लाने के लिए 3 आर अर्थात रिसाईकल, रियूज और रिडयूज पर काम किया जा रहा है। प्रदेश को हरा-भरा बनाने के लिए एक पेड़ मां के नाम, हर गांव पेड़ों की छांव, पौधगिरी तथा हर घर हरियाली जैसी स्कीमें चलाई जा रही हैं।

 

उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित व महान राष्ट्र बनाने में हरियाणा की अहम भूमिका रहेगी। सम्मेलन में किया गया विचार मंथन भारत को वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए बड़ा कारगर सिद्ध होगा।

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