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उत्तर प्रदेश : हापुड़ गढ़ गंगा में बढ़ा उफान, यलो अलर्ट के निशान महज 15 सेंटीमीटर दूर, ग्रामीणों में दहशत

मानसून की पहली बारिश ने ब्रजघाट गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी कर दी है। पानी यलो...

Hapur News : मानसून की पहली बारिश ने ब्रजघाट गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी कर दी है। पानी यलो अलर्ट के निशान से मात्र 15 सेंटीमीटर दूर है, जिससे खादर क्षेत्र में रहने वाले लोगों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। सोमवार देर शाम को गढ़ ब्रजघाट गंगा का जलस्तर बढ़कर समुद्रतल से 198.60 मीटर के निशान पर पहुंच गया।

गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण

दरअसल, पहाड़ों के साथ ही मैदानी क्षेत्र में झमाझम बारिश होना एक प्रमुख कारण है। इससे गंगा में पानी की मात्रा अचानक बढ़ गई है।बिजनौर बैराज से पानी छोड़ने का क्रम जारी रहने से गंगा में उफान बढ़ता जा रहा है। सोमवार को दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया, जिससे गढ़ के ब्रजघाट गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से खादर क्षेत्र में रहने वालों में खलबली मच गई है।

खादर क्षेत्र में बाढ़ का खतरा

वहीं जलस्तर बढ़ने से निचले जंगल में उग रही फसलें जलमग्न हो रही हैं। इससे मौसमी फल व सब्जी की खेती के साथ ही हरे चारे की फसलों का सर्वाधिक नुकसान हो रहा है।बरसात शुरू होते ही खादर क्षेत्र के लोगों को पशुओं के चारे की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। प्रधान निरंजन सिंह राणा का कहना है कि गंगा में उफान बढ़ने से निचले जंगल में उग रही फसलों में बर्बादी होने के कारण अभी से पशुओं के चारे की किल्लत हो रही है।

प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति

खादर क्षेत्र के कई गांवों के निचले जंगल में उग रही हजारों बीघा फसलों में पानी भरने से बर्बादी हो रही है। इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। ब्रजघाट गंगानगरी में मोटर बोट समेत सैकड़ों नावों का संचालन हो रहा है। इन्हें रात में कामकाज बंद होने के दौरान नाविक जैटी बेरककेडिंग से बांध देते हैं। रविवार की रात अचानक जलस्तर बढ़ने पर गंगा में आए उफान से जैटी बेरिकेडिंग से बंध रहीं दो नाव पानी में डूब गईं।

प्रशासन की तैयारी

केंद्रीय जल आयोग के गेज अधिकारी आबाद आलम ने बताया कि पहाड़ों के साथ ही मैदानी क्षेत्र में झमाझम बारिश और बिजनौर बैराज से पानी छोड़ने का क्रम जारी रहने से गंगा में उफान बढ़ता जा रहा है। प्रशासन ने स्थिति पर नजर रखनी शुरू कर दी है और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। लगातार गंगा की निगरानी की जा रही है और बाढ़ की अगर कोई स्थिति आती है तो उसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरीके से तैयार है।

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