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उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: एक साल बाद भी स्विमिंग पूल के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू नहीं हो सका

उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: एक साल बाद भी स्विमिंग पूल के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू नहीं हो सका

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद।महामाया स्पोर्ट्स स्टेडियम में बने स्विमिंग पूल के जीर्णोद्धार का काम एक साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया है। यह स्विमिंग पूल पिछले करीब एक साल से बंद पड़ा है, जिसकी वजह से इस खेल से जुड़े तैराक खिलाड़ियों को निजी पूल में अभ्यास करने के लिए जाना पड़ता है।

जनपद के एकमात्र सरकारी महामाया स्टेडियम में विभिन्न खेलों में प्रशिक्षण लेने के लिए खिलाड़ी दूर-दूर से आते हैं। दिल्ली से नजदीक होने के कारण भी यहां खिलाड़ियों का काफी दबाव रहता है। करीब 12 एकड़ में विकसित स्टेडियम में तैराकी के लिए वर्ष 2012 में तीन स्विमिंग पूल का निर्माण किया गया था। ताकि स्थानीय खिलाड़ियों को लाभ मिल सके। लेकिन कई वर्ष पुराना स्विमिंग पूल अब खराब पड़ा है जिससे यह पिछले करीब एक साल से बंद पड़ा है। जिला खेल विभाग ने पिछले साल स्विमिंग पूल का जीर्णोद्धार कराने के लिए शासन के पास प्रस्ताव भेजा था जिसे कुछ माह बाद ही मंजूरी मिल गई थी।लेकिन अभी तक इसका कार्य शुरू नहीं हो सका है। जबकि इसका कार्य फरवरी से शुरू किया जाना था। इससे तैराक खिलाड़ियों को काफी दिक्कत हो रही है। स्टेडियम का स्विमिंग पूल बंद होने से मजबूरी में निजी पूल में अभ्यास करने के तैराक खिलाड़ियों को जाना पड़ता है। इससे आर्थिक बोझ भी अधिक पड़ता है। इसके अलावा कई पूल में सुरक्षा के भी इंतजाम पूरे नहीं होते।इसके अलावा तैराकी का अभ्यास करने के लिए निजी पूल अथवा दिल्ली जाने में समय की भी बर्बादी होती है।

जिला उप खेल क्रीड़ाधिकारी पूनम बिश्नोई ने बताया कि स्टेडियम में तीन पूल बने हुए हैं, जिसमें एक लर्निंग पूल ,दूसरा डाइविंग पूल और तीसरा 50 मीटर का पूल बना हुआ है। सबसे पहले स्विमिंग पूल के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू होना है। संस्था को जल्द इसका कार्य शुरू करने को कहा गया है। शीघ्र ही इसका कार्य शुरू होगा। खिलाड़ियों की जरूरत को देखते हुए तीनों पूल को अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के हिसाब से तैयार किया जाएगा। जिससे आने वाले सालों में भविष्य में महामाया स्टेडियम में तैराकी की जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिता आयोजित की जा सकें।

स्थानीय खिलाड़ियों को सहूलियत होगी

इसका सबसे ज्यादा लाभ जिले के स्थानीय तैराक खिलाड़ियों को होगा। उन्हें निजी पूल के मुकाबले कम फीस में ही स्टेडियम में तैराकी के अभ्यास करने की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अलावा पूल में लाइफ गार्ड और सुरक्षा के भी विशेष इंतजाम होंगे। पूल में आधुनिक उपकरण भी मौजूद रहेंगे।

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