तबले के महारथी Zakir Hussain का निधन
तबले की धुन से दुनियाभर के दिलों पर राज करने वाले महान संगीतकार उस्ताद Zakir Hussain ने 73 वर्ष की आयु में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। ‘वाह ताज’ की शानदार धुन और अपने लाजवाब अंदाज से उन्होंने हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया। वर्सेटाइल जाकिर हुसैन संगीत की दुनिया के चमकते सितारे थे और उनकी उपलब्धियां उन्हें अमर बनाती हैं।
उस्ताद Zakir Hussain की यात्रा
सबसे कम उम्र में पद्मश्री का सम्मान
उस्ताद Zakir Hussain को 1988 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वह यह सम्मान पाने वाले सबसे कम उम्र के कलाकारों में से एक थे।
फिल्मों में अदाकारी का जलवा
संगीत के साथ-साथ Zakir Hussain ने एक्टिंग में भी अपनी छाप छोड़ी।
- 1983 में फिल्म हीट एंड डस्ट से उन्होंने अभिनय की शुरुआत की।
- साज में शबाना आजमी के साथ काम किया।
- द परफेक्ट मर्डर में भी उन्होंने अभिनय किया।
- हाल ही में देव पटेल की फिल्म मंकी मैन में एक तबला वादक का किरदार निभाया।
फिल्मी संगीत में योगदान
जाकिर हुसैन ने ‘बावर्ची’, ‘सत्यम शिवम सुंदरम’, और ‘हीर-रांझा’ जैसी फिल्मों में अपने संगीत से जादू बिखेरा। उनकी धुनें आज भी श्रोताओं के दिलों में गूंजती हैं।
‘उस्ताद’ का खिताब और पंडित रविशंकर का सम्मान
जानकारी के अनुसार, पंडित रविशंकर ने सबसे पहले Zakir Hussain को ‘उस्ताद’ कहकर संबोधित किया। यह खिताब उनके संगीत की उत्कृष्टता का प्रतीक बन गया और उन्हें संगीत की दुनिया में खास पहचान दिलाई।
सोशल मीडिया पर उनके चाहने वालों की प्रतिक्रिया
जाकिर हुसैन के निधन की खबर सुनकर उनके प्रशंसकों और संगीत प्रेमियों ने सोशल मीडिया पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने उनके योगदान को याद करते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
उनकी धुनें हमेशा रहेंगी अमर
उस्ताद जाकिर हुसैन के तबले की धुनें, उनकी एक्टिंग, और उनके व्यक्तित्व की यादें हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगी। उनकी विरासत संगीत की दुनिया में प्रेरणा बनकर हमेशा कायम रहेगी।