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बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत महिला सरपंचों को उनके संबंधित गांवों का ब्रांड एंबेसडर बनाया जाएगा – मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत महिला सरपंचों को उनके संबंधित गांवों का ब्रांड एंबेसडर बनाया जाएगा – मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

 

प्रीति कंबोज

चंडीगढ़ 16 जनवरी – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने आज घोषणा करते हुए कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत राज्य की सभी महिला सरपंचों को उनके संबंधित गांवों का ब्रांड एंबेसडर बनाया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पानीपत से शुरू किए गए अभियान में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात में सुधार के लिए अभियान के तहत वर्तमान राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की पूरे देश में सराहना हो रही है।

 

मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी आज यहां महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री श्रीमती श्रुति चौधरी भी उपस्थित थीं।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्षों में राज्य में 10,000 आंगनवाड़ी केन्द्रों को सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। 563 आंगनवाड़ी केन्द्रों को सक्षम आंगनवाड़ी केन्द्रों में अपग्रेड करने के लिए भारत सरकार से 563 लाख रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। विभाग ने 2307 आंगनवाड़ी केन्द्रों को अपग्रेड करने का एक अन्य प्रस्ताव भी भारत सरकार को भेजा है।

उन्होंने कहा कि लोगों में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ पीएनडीटी एक्ट 1994 के प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने लोगों को बालिकाओं को बचाने के लिए प्रेरित करने के लिए गांवों में नुक्कड़ नाटक और अन्य कार्यक्रम आयोजित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने यह भी प्रस्ताव रखा कि इन कार्यक्रमों में गांव की सभी महिलाओं को आमंत्रित किया जाना चाहिए, जिन्हें समुदाय की सबसे बुजुर्ग महिलाएं संबोधित करें । लिंग जाँच के लिए हैंडहेल्ड यूएसजी मशीनों के इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री ने इस अवैध काम में शामिल लोगों पर नजर रखने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए।

कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए, हरियाणा ने सख्त प्रवर्तन उपाय अपनाए हैं। 2015 से 2024 तक अधिनियम के तहत कुल 1,220 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसके अतिरिक्त, अंतर-राज्यीय छापों के माध्यम से 386 एफआईआर दर्ज की गई हैं और डॉक्टरों, झोलाछाप डॉक्टरों और दलालों की अवैध गतिविधियों को निशाना बनाकर 4,000 गिरफ्तारियाँ की गई हैं।

हरियाणा में एनएफएचएस-4 के अनुसार एनएचएफएस-5 की तुलना में पोषण संकेतकों में सुधार पर संतोष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने विभाग को निर्देश दिए कि वे राज्य में स्टंटिंग (आयु के अनुसार कम ऊंचाई) से पीड़ित 0 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों की पहचान करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करें और इन बच्चों के पोषण स्तर में सुधार करके हरियाणा को स्टंटिंग मुक्त राज्य बनाएं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हरियाणा इस लक्ष्य को प्राप्त करने वाला पहला राज्य होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को उनकी पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए बाजरे से बने विभिन्न प्रकार के व्यंजन उपलब्ध कराए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश में आबादी में पोषण बढ़ाने के लिए बाजरे से बने उत्पादों के अधिकतम उपयोग की बात कही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य पोषण अभियान में देश के शीर्ष तीन राज्यों में स्थान बनाना है। उन्होंने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभाग को काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने पोषण 2.0 के तहत ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर 01-06 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित करने का सुझाव दिया, जिसमें विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा।

राज्य में आंगनबाड़ी केंद्रों के कामकाज की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिन केंद्रों के पास अपना भवन नहीं है, उन्हें अप्रयुक्त या कम उपयोग वाले स्कूल और अन्य भवनों में स्थानांतरित किया जाए, जब तक कि उनके अपने भवन नहीं बन जाते। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि इन अस्थायी स्थानों पर सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।

बैठक में बताया गया कि राज्य में 25,962 आंगनवाड़ी केंद्र हैं, जिनमें 23,447 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और 21,127 आंगनवाड़ी सहायिका हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग ने बच्चों में पोषण में सुधार के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की हैं। मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना के तहत बच्चों (1-6 वर्ष) के साथ-साथ गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को इंस्टेंट खीर, प्रोटीन मिल्क बार और स्किम्ड मिल्क पाउडर सहित विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।

बैठक में बताया गया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 10 से 12 जनवरी, 2025 तक राजस्थान के उदयपुर में आयोजित चिंतिन शिविर में भी विभाग की परिवर्तनकारी पहल की सराहना की गई। हरियाणा के प्ले स्कूल मॉडल ने 4000 से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों को खेल-आधारित शिक्षा और पोषण के केन्द्रों में बदल दिया है, जिससे 41,000 से अधिक बच्चों को लाभ मिला है। हरियाणा क्रेच मॉडल ने आंगनवाड़ी-सह-क्रेच और स्टैंडअलोन क्रेच का एक नेटवर्क स्थापित किया है, जो 7500 बच्चों का समर्थन करता है और कामकाजी माताओं को सशक्त बनाता है। इसके अलावा, मौजूदा 355 सांस्कृतिक केन्द्रों को महिला चौपाल के रूप में पुनर्जीवित करने का प्रस्ताव है।

 

महिला एवं बाल विकास विभाग की आयुक्त एवं सचिव श्रीमती अमनीत पी. कुमार ने विभाग की कार्यप्रणाली पर विस्तृत प्रस्तुति दी।

 

बैठक में मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. साकेत कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

 

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