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परम श्रदेय स्वामी ज्ञानानंद महाराज श्रीमद् भगवद् गीता का संदेश जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहें हैं : विज

परम श्रदेय स्वामी ज्ञानानंद महाराज श्रीमद् भगवद् गीता का संदेश जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहें हैं : विज

 

अंबाला 29 दिसंबर- हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि “श्रीमद् भगवद् गीता का जितना भी हम ज्ञान हासिल करेंगे एवं उनके श्लोकों को अपने जीवन में उतारेंगे उससे हमारा जीवन सफलता की ओर बढेगा। ईश्वर सबको ज्ञान देना चाहते है, उसके लिए हमें अपने मन से बुरे विचारों को त्याग कर अच्छे विचारों को धारण करना हैं। धर्म तीन शब्दों से बना है- ध का मतलब धारण, र का मतलब रास्ता व म का मतलब मोक्ष हैं। ऐसा रास्ता जो मोक्ष को दिलाने का काम करें, वहीं धर्म हैं”।

यह विचार आज उन्होंने महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के सान्निध्य में श्री कृष्ण कृपा जीओ गीता परिवार के तत्वाधान में आयोजित 5 दिवसीय दिव्य गीता सत्संग के तृतीय दिवस पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए दिए। इस धार्मिक आयोजन में हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री श्री अनिल विज ने बतौर मुख्यअतिथि व विशिष्ट अतिथि के रूप में हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिढ्ढा ने शिकरत की। दिव्य गीता सत्संग के दौरान कैबिनेट मंत्री अनिल विज व डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिढ्ढा ने गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया और आरती में भाग लेकर अपने श्रद्धा भाव प्रकट किए।

इस मौके पर ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा कि जीवन को सार्थक करने के लिए श्रीमद् भगवद् गीता में जो अध्याय एवं श्लोकों का विवरण किया गया हैं, उसे गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द महाराज ने प्रसंगों एवं भक्ति गीतों से यहां पर बताया है। उन्होंने कहा प्रभु की विशेष कृपा यहां पर हुई है कि पिछले कुछ दिनों से परम श्रदेय स्वामी ज्ञानानन्द महाराज के सान्धिय में अमृत वर्षा हो रही हैं। श्री भगवद् गीता हमारा अमूल्य ग्रंथ है, जिन्दगी के किसी भी मुकाम पर हमें क्या करना है और क्या नहीं करना है इस बारे श्रीमद् भगवद् गीता के अध्याय एवं श्लोकों में उसका विवरण है। हर प्रश्र का उत्तर श्रीमद् भगवद् गीता में हैं। श्रीमद् भगवद् गीता का जितना भी हम ज्ञान हासिल करेंगे एवं उनके श्लोकों को अपने जीवन में उतारेंगे उससे हमारा जीवन सफलता की ओर बढेगा। ईश्वर सबको ज्ञान देना चाहते है, उसके लिए हमें अपने मन से बुरे विचारों को त्याग कर अच्छे विचारों को धारण करना हैं। धर्म तीन शब्दों से बना है- ध का मतलब धारण, र का मतलब रास्ता व म का मतलब मोक्ष हैं। ऐसा रास्ता जो मोक्ष को दिलाने का काम करें, वहीं धर्म हैं। उन्होंने यह भी कहा कि परम श्रदेय स्वामी ज्ञानानन्द महाराज श्रीमद् भगवद् गीता का संदेश जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहें हैं।

श्रीमद् भगवद् गीता का संदेश मानव जीवन को सकारात्मक दिशा प्रदान करता है। ऐसे आयोजनों से समाज में आध्यात्मिक जागृति और नैतिक मूल्यों का प्रसार होता है। उन्होंने कहा कि गीता ज्ञान भगवान श्री कृष्ण द्वारा समूची मानवता को दिया गया एक वरदान है गीता में ही विश्व की हर समस्या का समाधान निहित है।

इस मौके पर हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिढ्ढा ने कहा कि हर परेशानी का हल श्रीमद् भगवद् गीता में निहित हैं। गीता का कोई भी अध्याय एवं श्लोकों को धारण कर लें एवं उसे पढे, उससे हमें जहां ज्ञान के आनन्द की अनुभूति होती हैं वहीं जीवन की हर समस्या का हल गीता में निहित हैं। उन्होनें कहा कि जन्म से लेकर मृत्यु तक आने वाली हर समस्या, कठिनाई का हल श्रीमद् भगवद् गीता में बताया गया हैं। उन्होनें यह भी कहा कि परम श्रदेय स्वामी ज्ञानानन्द महाराज के सान्धिय में जीओ गीता के माध्यम से रेल में, रसोई में, जेल, हर जन तक गीता का ज्ञान पहुंचे इस दिशा में कार्य किए जा रहें हैं। उन्होनें इस मौके पर उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को यह भी आहवान किया कि वे युवा पीढी को भी श्रीमद् भगवद् गीता के बारे में बताए ताकि वे भी श्रीमद् भगवद् गीता में बताए गए श£ोकों को जीवन में धारण करते हुए अपने जीवन को सफलता की ओर ले जा सकें।

इस मौके पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने अपने प्रवचनों में गीता के उपदेशों का महत्व बताते हुए श्रद्धालुओं को जीवन में कर्म, भक्ति और ज्ञान के आदर्शों को अपनाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा गीता के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन के सभी कष्टों का समाधान प्राप्त कर सकता है और सच्ची शांति एवं आनंद का अनुभव कर सकता है। श्रीमद् भगवद् गीता सृष्टि का अमूल्य ग्रंथ हैं। जब भी जीवन में कोई द्वविधा आएं हमें कहा जाना है क्या करना है उस बारे गीता को पढकर अपनी समस्या का हल किया जा सकता हैं। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानान्नद महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण जी को अपने जीवन रूपी रथ का सारथी बना लेना चाहिए। महाभारत के युद्ध में अर्जुन ने भगवान श्री कृष्ण को अपना सारथी बनाकर युद्ध से जीत हासिल की थी। श्रीमद् भगवद् गीता में कर्म करते हुए बताया गया है कि मेरा कर्म बधंन का सेतू न बने बल्कि मोक्ष का मार्ग बने। श्रीमद् भगवद् गीता अद्भत ग्रन्थ है, इस अद्भुत ग्रंथ में माध्यम से हम अपने जीवन को निर्मल बना सकते हैं। उन्होनें भक्ति गीत से वो अपना काम करें तू अपना काम किया करें, मन छोड़ जग की चिंता बस प्रभु का नाम लिया कर से सभी को भक्तिमय का संदेश दिया।

इस अवसर पर जीओ गीता के संरक्षक प्रमोद वालिया, मनोहर लाल सचदेवा, पूर्व जिला अध्यक्ष जगमोहन लाल कुमार, सुशील अग्रवाल, एडिशनल एडवोकेट जरनल बृ्रजेश, जिला करनाल के भाजपा अध्यक्ष ब्रृजभूषण गुप्ता, कार्यकारी अभियन्ता सुखबीर सिंह, राजन सपरा, राजू चावला, केवल चावला, हैप्पी चावला, जगदीश सचदेवा, जीओ गीता महिला मंडल की प्रधान कीर्ति ग्रोवर, दीक्षा बतरा, कामिनी बब्बर, संजीव सपड़ा, हरीश मुंजाल एवं योगेश चावला सहित भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

 

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे
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