
Surya Grahan 2025: 29 मार्च 2025 को सूर्य ग्रहण के दौरान तुलसी से जुड़ी इन खास बातों का रखें ध्यान। जानें, क्यों ग्रहण काल में तुलसी का महत्व बढ़ जाता है और कौन-कौन से कार्य करने चाहिए।
Surya Grahan 2025: तुलसी से जुड़े ये नियम जरूर अपनाएं, नहीं होगा बुरा असर
हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2025) को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना जाता है। इस साल 29 मार्च 2025 (शनिवार) को शनि अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। इस दिन शनि देव राशि परिवर्तन भी करने वाले हैं, जिससे यह दिन और भी खास हो जाता है।
हालांकि, यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन हिंदू धर्म में ग्रहण काल के दौरान कई सावधानियां बरतने की परंपरा है। खासतौर पर तुलसी से जुड़े कुछ नियमों का पालन करने से ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सकता है।
Surya Grahan 2025: ग्रहण काल में तुलसी का महत्व क्यों बढ़ जाता है?
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हिंदू शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण के दौरान सूतक काल लगता है, जिससे वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है।
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ग्रहण काल में भोजन अपवित्र माना जाता है, लेकिन यदि उसमें तुलसी के पत्ते डाल दिए जाएं, तो वह शुद्ध बना रहता है।
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तुलसी को पवित्र और पूजनीय माना जाता है, इसलिए ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए इसे भोजन में मिलाने की परंपरा है।
Surya Grahan 2025: ग्रहण के बाद तुलसी सेवन करने के फायदे
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आयुर्वेद के अनुसार, तुलसी औषधीय गुणों से भरपूर होती है।
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ग्रहण काल समाप्त होने के बाद तुलसी का सेवन पाचन तंत्र और इम्यूनिटी को मजबूत करता है।
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यह शरीर को विषैले तत्वों से मुक्त करने में सहायक होती है।
Surya Grahan 2025: ग्रहण के दौरान क्या करें?
✔ भोजन में तुलसी के पत्ते डालें – इससे ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा भोजन पर प्रभाव नहीं डालती।
✔ ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें और तुलसी का सेवन करें।
✔ तुलसी के पौधे की पूजा करें (लेकिन जल न चढ़ाएं)।
ग्रहण के दौरान क्या न करें?
❌ तुलसी के पत्ते न तोड़ें – यह अशुभ माना जाता है, इसलिए ग्रहण से एक दिन पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़कर रख लें।
❌ ग्रहण के दौरान तुलसी के पौधे में जल अर्पित न करें।
❌ ग्रहण के समय भोजन करने से बचें, लेकिन यदि आवश्यक हो तो उसमें तुलसी के पत्ते डाल लें।
सूर्य ग्रहण के दौरान तुलसी से जुड़े नियमों का पालन करना न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभदायक होता है। ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों से बचने और शुद्धता बनाए रखने के लिए तुलसी का सही तरीके से उपयोग करें।
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