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उत्तर प्रदेश : हापुड़ से चौकानें वाली खबर, 50 की उम्र में 17वें बच्चे को दिया जन्म, जिले हो रही चर्चा

जहां एक तरफ सरकार हम-दो, हमारे-दो के नारे पर जोर दे रही है...

Hapur News : जहां एक तरफ सरकार हम-दो, हमारे-दो के नारे पर जोर दे रही है और जनसंख्या नियंत्रण को लेकर गंभीरता दिखाई जा रही है। वहीं, जिले में एक महिला ने सरकारी एंबुलेंस में 17वें बच्चे को जन्म देकर सभी को चौंका दिया है। एंबुलेंस स्टाफ की सूझबूझ से किए गए प्रसव से जच्चा-बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं। वहीं, मामला जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि महिला ने जिला अस्पताल के रिकार्ड में इसको अपनी 17वीं डिलीवरी बताया।

क्या है पूरा मामला

मिली जानकारी के अनुसार पिलखुवा के इलाके बजरंगपुरी के इमामुद्दीन ने बताया कि वह मजदूरी का काम करता है। उनकी 50 वर्षीय पत्नी गुड़िया को प्रसव पीड़ा हुई।परिजनों ने इसकी सूचना क्षेत्र की आशा को दी, आशा ने स्वास्थ्य विभाग की संचालित 108 एंबुलेंस को फोन कॉल कर बुला लिया। एम्बुलेंस तत्काल उनके घर पहुंची और प्रसव पीड़िता को पिलखुवा सीएचसी में लेकर पहुंची। यहां पर चिकित्सकों ने महिला का बेहतर उपचार दिलाने के लिए उसे मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। पीड़िता को एम्बुलेंस से मेडिकल कॉलेज लेकर जाया ही जा रहा था कि उसकी प्रसव पीड़ा और अधिक बढ़ गई। जिस पर एंबुलेंस में तैनात इएमटी कर्मवीर ने महिला का प्रसव एम्बुलेंस में ही करने का निर्णय लिया।

इतने बच्चों को दिया जन्म

इस दौरान पायलेट हमेश्वर को एम्बुलेंस रोकने के लिए कहा और उन्होंने डिलीवरी किट की मदद से सुरक्षित प्रसव किया। गुड़िया ने 17वें बच्चे को जन्म दिया। इमामुद्दीन ने बताया कि उसकी पत्नी गु़ड़िया ने साहिल, राहिल, समीर, रिहाना शादी, इमराना, रमजानी, फैजान, अलीशा, अरू और तीन अन्य बच्चों को जन्म दिया था। जिनमें से दो जुड़वा समेत तीन पुत्रों की मौत हो गई थी। अब पत्नी ने 17वें बच्चे को जन्म दिया है। पत्नी और बच्चे स्वस्थ हैं। उनका बड़ा बेटा 22 साल का है।

प्रशिक्षण दिया जाता है

एम्बुलेंस प्रभारी सौरभ शर्मा ने बताया कि प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को मेडिकल कॉलेज में भर्ती करा दिया गया था, जहां पर दोनों की जांच की गई तो दोनों ही स्वस्थ पाए गए। उन्होंने बताया कि समय-समय पर एम्बुलेंस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। जिसके चलते आवश्यकता पड़ने पर आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस में उपचार दिया जाता है। यह महिला की 17वां प्रसव था, ऐसे में रिस्क बढ़ जाता है।

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