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उत्तर प्रदेश, नोएडा: कैब से रेकी कर टावरों से उपकरण चुराने वाले तीन गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश, नोएडा: कैब से रेकी कर टावरों से उपकरण चुराने वाले तीन गिरफ्तार

अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, नोएडा। मोबाइल टावर से कीमती उपकरण (आरआरयू) चोरी करने वाले गिरोह का फेज दो थाने की पुलिस ने रविवार को पर्दाफाश किया। इस मामले तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए। आरोपी कैब से रेकी करने के बाद शहर के अलग-अलग हिस्से में लगे मोबाइल टावरों से उपकरण चुराते थे।

गिरफ्तार बदमाश नोएडा समेत एनसीआर के अन्य शहरों में लगे मोबाइल टावरों से कीमती उपकरण चोरी करते हैं। इनके पास से चोरी के आरआरयू और तीन चाकू समेत अन्य सामान बरामद हुआ है। पुलिस उनके साथियों की तलाश कर रही है। एसीपी राजीव गुप्ता ने बताया कि मोबाइल टावरों से कीमती उपकरण चोरी होने की शिकायतें मिलने के बाद गिरोह का पर्दाफाश करने के एक टीम बनाई गई थी। यह टीम शनिवार रात को निम्मी विहार पुस्ता से पहले तिराहा के पास वाहनों की जांच कर रही थी। तभी उधर से तीन संदिग्ध गुजरे। तीनों को रोककर पुलिस टीम ने पूछताछ की। इस दौरान आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे टावरों से उपकरण चुराने वाले गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं। चोरी की वारदात की फिराक में ही बाहर निकले थे। आरोपियों की पहचान दिल्ली के करावलनगर निवासी अमित यादव, गाजियाबाद के लोनी निवासी रशीद खान और अब्दुल रहमान के रूप में हुई। आरोपियों की उम्र 20 से 25 साल के बीच है। शनिवार को भी फेज दो पुलिस ने मोबाइल टावरों से उपकरण चुराने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर सरगना समेत पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया था। दो बदमाशों के पैर में गोली लगी थी। जबकि तीन को घेरेबंदी कर दबोचा गया था।

आरोपियों पर पहले से तीन मुकदमे दर्ज

पकड़ा गया अमित अशिक्षित है और अन्य दोनों 11वीं पास हैं। आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग थानों में तीन मुकदमे पंजीकृत हैं। पुलिस पूछताछ में पता चला कि गिरफ्त में आए बदमाश कैब बुक कर दिन में मोबाइल टावरों की रेकी करते हैं। रात में एनसीआर क्षेत्र में टावरों से कीमती उपकरण चुराते हैं। गिरफ्तार आरोपी उन मोबाइल टावर को निशाना बनाते हैं, जहां सिक्योरिटी गार्ड नहीं होते । पुलिस से पकड़े जाने के डर से बदमाश एक जगह पर न ठहरकर निरंतर स्थान बदलते रहते हैं। आपस में केवल व्हाट्सएप कॉल का इस्तेमाल करते हैं, ताकि पुलिस इन बदमाशों तक ना पहुंच सके।

नेपाल के रास्ते चीन पहुंचते हैं उपकरण

पुलिस का कहना है कि बदमाश मोबाइल टावरों से कीमती उपकरण चुराकर दिल्ली में बेचते हैं। आरोपियों के पास से बरामद चाकू के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि चोरी का विरोध करने पर लोगों को डराने के लिए वे अपने पास चाकू और तमंचा रखते हैं। कैब में सवार होने के कारण अगर पुलिस पूछताछ भी करती है तो आरोपी खुद को यात्री बताकर बच निकलते हैं। आरआरयू की कीमत बाजार में ढाई से चार लाख रुपये तक होती है। चोरी के आरआरयू नेपाल के रास्ते चीन भेजे जाते हैं। मोबाइल टावर में लगे आरआरयू जब चोरी होते हैं तो नेटवर्क बाधित होता है और उपभोक्ताओं को परेशानी का सामान करना पड़ता है। इस साल पुलिस ने ऐसे कई गिरोह का पर्दाफाश किया है जो मोबाइल टावरों से कीमती उपकरण चुराते हैं।

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