
Rishi Panchami 2025 का व्रत 28 अगस्त को है। जानें इस व्रत का मुहूर्त, पूजा विधि और ऋषि पंचमी व्रत कथा जो इस व्रत को पूर्ण बनाती है।
Rishi Panchami 2025 व्रत और मुहूर्त
हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी का व्रत किया जाता है। इस वर्ष यह व्रत 28 अगस्त 2025 को है।
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मुहूर्त: सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:39 बजे तक
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मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पाप नष्ट होते हैं और सप्तऋषियों का आशीर्वाद मिलता है।
व्रत कथा के बिना यह व्रत अधूरा माना जाता है।
ऋषि पंचमी व्रत कथा (Rishi Panchami 2025 Vrat Katha)
पौराणिक कथा के अनुसार, एक नगर में एक किसान और उसकी पत्नी रहते थे।
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ऋतु-दोष का दोष:
किसान की पत्नी रजस्वला होने पर भी अपने काम में लगी रही। इसके कारण उसे दोष लगा। पति ने भी उसके संपर्क में आकर दोष प्राप्त किया। इसके कारण पत्नी को अगले जन्म में कुतिया और पति को बैल के रूप में जन्म मिला। -
पुत्र को बचाने का प्रयास:
दोनों पशु योनि में रहते हुए अपने पुत्र सुचित्र के घर रहने लगे। एक दिन ब्राह्मण के भोजन में सांप का विष गिर गया। कुतिया (पत्नी) ने अपने पुत्र और बहू को ब्रह्म हत्या से बचाने के लिए अपना मुख भोजन में डाल दिया। -
बहू का क्रोध:
इस घटना से बहू को क्रोध आया और उसने कुतिया को घर से निकाल दिया। रात में पति-बैल को सारी बात बताई। पुत्र ने भी यह सब देखा और जान गया। -
ऋषि का उपाय:
ऋषि ने सुचित्र को सलाह दी कि ऋषि पंचमी का व्रत करने से उसके माता-पिता को पशु योनि से छुटकारा मिलेगा। पुत्र और पत्नी ने व्रत किया और फलस्वरूप माता-पिता को मुक्ति मिली।
Rishi Panchami 2025: ऋषि पंचमी व्रत का महत्व
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इस व्रत से पूर्वजों और सप्तऋषियों की कृपा प्राप्त होती है।
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पाप नष्ट होते हैं और परिवार में सुख-शांति आती है।
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यह व्रत नारी और पुरुष दोनों के दोषों से मुक्ति दिलाता है।