धर्मभारत

धार्मिक प्रतीकों की रक्षा हिंदुओं का प्रथम कर्तव्य -परमाराध्य अविमुक्तेश्वरानन्द जी महाराज

धार्मिक प्रतीकों की रक्षा हिंदुओं का प्रथम कर्तव्य -परमाराध्य अविमुक्तेश्वरानन्द जी महाराज

सं. २०८१ माघ कृष्ण अष्टमी तदनुसार दिनाङ्क 22 जनवरी 2025 ई

किसी विचार, वस्तु अथवा सम्बन्ध का प्रतिनिधित्व करने वाली वस्तु, शब्द, चित्र या चिह्न को प्रतीक शब्द से कहा जाता है। इसलिए अमूर्त वस्तुओं को देखने और व्यवहार के लिए उनके प्रतीकों की कल्पना/स्थापना करनी होती है। जिस तरह भारत का प्रतीक चिह्न उसका तिरङ्गा ध्वज और चार शेर वाली मूर्ति है। जिन्हें देखकर भारत देश की स्मृति होती है। उसी तरह जिस वस्तु, शब्द अथवा चिह्न को देखकर हमे हिन्दू धर्म की याद आ जाए या बोध हो वह सब हिन्दू धर्म के प्रतीक हैं। ये प्रतीक चिह्न-रङ्ग, पदार्थ, प्राणी, पुष्प, शस्त्र या वाद्य कुछ भी हो सकते हैं।

उक्त बाते परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती १००८ ने आज परधर्मसंसद १००८ में धार्मिक प्रतीकों की पहचान और सुरक्षा विषय पर व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि ॐकार अकारादि अक्षर, राम कृष्णादि शब्द, स्वस्तिक त्रिकोणादि चिह्न, गाय-वृषभ-मूषक-सिंह-नाग आदि प्राणी, कमल-सुवर्णपुष्प आदि पुष्प, बिल्व-तुलसी आदि पत्र, षट्कोणादि यन्त्र, शिवलिङ्ग-देवमूर्ति -नटराज आदि मूर्तियाँ, कलश-दीपक-स्थण्डिल आदि बर्तन, ऊर्ध्वपुण्ड-त्रिपुण्ड आदि तिलक, मयूर-शुक आदि पक्षी, धनुष-बाण-पाश-अङ्कुश-गदा आदि आयुध, बद्धाञ्जलि-ज्ञानादि मुद्रा, रङ्गोली आदि कलाकृतियाँ, शिखर-गोपुरादि निर्माण, दण्ड-कमण्डलु-पादुकादि लकड़ियाँ, सूर्य-चन्द्र आदि ग्रह, पताका व ध्वज आदि प्रतीक, शङ्ख-शिला आदि पदार्थ, डमरू- घण्टी आदि वाद्य जैसे अनेक प्रतीक हैं। इन सबकी रक्षा प्रत्येक हिन्दू का परम कर्तव्य है। इनका व्यवहार ही इनकी रक्षा है। इन सभी प्रतीकों में स्वस्तिक और स्वस्ति तिलक हिन्दुओं का सर्वमान्य परम प्रतीक घोषित किए जाते हैं और आशा की जाती है कि हर हिन्दू अपने माथे पर तिलक अवश्य धारण करेगा। उन्होंने कहा इन सबकी रक्षा प्रत्येक हिन्दू का परम कर्तव्य है। इनका व्यवहार ही इनकी रक्षा है। इन सभी प्रतीकों में स्वस्तिक और स्वस्ति तिलक हिन्दुओं का सर्वमान्य परम प्रतीक घोषित किए जाते हैं।

आज की चर्चा में अनुसुईया प्रसाद उनियाल जी, वनदेवी जी, राजू शुक्ला जी, फलाहारी नागेंद्र गिरी जी, त्यागी जी ने भाग लिया

प्रदीप भारद्वाज जी विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहे। इन्होंने स्लाइड शो के माध्यम से धार्मिक प्रतीक विषय पर अपना विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया प्रकर धर्माधीश के रूप में श्री देवेंद्र पांडेय जी ने संसद का संचालन किया। सदन का शुभारंभ जायोद्घोष से हुआ। अंत में परमाराध्य ने धर्मादेश जारी किया जिसे सभी ने हर-हर महादेव का उदघोष कर पारित हुआ। शंकराचार्य जी ने कहा कि परमधर्मसंसद की ओर से एक पुस्तिका तैयार हो और इसे लेकर लोग हर हिन्दू के घर पहुँचे।

परमधर्मसंसद् में पहुँचे यदि नरसिंहानन्द और नारायणानन्द गिरि जी महाराज आज सदन में विशिष्ट अतिथि के रूप में जाना अखाडा के महामण्डलेश्वर नारायणानन्द गिरि जी तथा यदि नरसिंहानन्द जी पहुँचे। दोनों ने परमाराध्य के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की और परमाराध्य ने सम्मान पत्र देकर उनका अभिनन्दन किया।

मलाइका अरोड़ा ने अर्जुन कपूर के साथ ब्रेकअप की खबरों के बीच अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज पर एक रहस्यमयी पोस्ट शेयर की, कहा ‘हममें से हर किसी के पास सिर्फ़…’

Related Articles

Back to top button