
नई दिल्ली, 17 सितम्बर : दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) ने 25 वर्षीय डॉ नवदीप सिंह द्वारा हाल ही में की गई आत्महत्या का स्वतः संज्ञान लिया है। इसके तहत डीएमसी ने एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई है जो मामले की जांच करेगी और मेडिकल छात्रों में आत्महत्या के बढ़ते प्रचलन को रोकने को लेकर अपनी सिफारिशें देगी।
डीएमसी के सचिव डॉ गिरीश त्यागी ने कहा कि विभिन्न मेडिकल संस्थानों में मेडिकल छात्रों और डॉक्टरों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिसके चलते डॉक्टर समुदाय चिंतित है। इस संबंध में मामले की जांच के लिए एक तथ्यान्वेषी समिति (फैक्ट फाइंडिंग कमेटी) गठित की गई है जो विशेष रूप से इन घटनाओं और चिकित्सा संस्थानों की समग्र स्थितियों पर गौर करेगी। साथ ही स्थिति में सुधार के लिए अपनी सिफारिशें देगी। इस समिति में डॉ. अरुण गुप्ता, डॉ गिरीश त्यागी, डॉ. प्रेम अग्रवाल, डॉ. अश्विनी डालमिया, डॉ. मनीष कुमथ और डॉ. अनुज मित्तल सहित छह सदस्य होंगे।
उन्होंने कहा कि विभिन्न मेडिकल संस्थानों में मेडिकल छात्रों और डॉक्टरों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं। जिनमें पिछले कुछ ही महीनों में दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के दो मेडिकल छात्रों की आत्महत्या भी शामिल है। बता दें कि साल 2017 में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के आल इंडिया टॉपर और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के स्नातकोत्तर छात्र नवदीप सिंह की आत्महत्या को लेकर रहस्य बना हुआ है। चूंकि घटनास्थल से पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। 25 वर्षीय डॉ नवदीप का शव दिल्ली पारसी अंजुमन स्थित उनके कमरे में पंखे से लटका मिला था। वह रेडियोलॉजी में एमडी कर रहे थे।