उत्तर प्रदेश : मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण की 107वीं बोर्ड बैठक संपन्न

Mathura News (सौरभ) : मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सभागार में मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण (MVDA) की 107वीं बोर्ड बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा हुई और उन्हें मंजूरी दी गई, जिनमें श्री बांके बिहारी कॉरिडोर परियोजना से विस्थापित होने वाले परिवारों के लिए विशेष प्रावधान भी शामिल हैं।
बांके बिहारी कॉरिडोर के विस्थापितों को रियायती प्लॉट
बोर्ड बैठक का एक सबसे अहम फैसला रुक्मणि विहार आवासीय योजना के सेक्टर 1 में स्थित कम्युनिटी फैसिलिटी भूखंड के भू-उपयोग को बदलने का रहा। प्राधिकरण सचिव ने बताया कि श्री बांके बिहारी कॉरिडोर परियोजना के शुरू होने पर जिन परिवारों को विस्थापित होना पड़ेगा, उन्हें बसाने के लिए आवासीय भूखंडों की सख्त जरूरत है। इस पर, आयुक्त महोदय ने निर्देश दिए कि नियमानुसार भू-उपयोग परिवर्तन किया जाए। साथ ही, यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि विस्थापित होने वाले परिवारों को “नो प्रॉफिट नो लॉस” के आधार पर भूखंड उपलब्ध कराए जाएं।
नई निर्माण उप-विधियों पर समिति का गठन
बैठक में ‘उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण भवन निर्माण एवं विकास उप-विधियां’ और ‘आदर्श जोनिंग रेगुलेशंस 2025’ को लागू करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई। आयुक्त ने इन नियमों को तुरंत लागू करने के बजाय एक समिति बनाने का निर्देश दिया। इस समिति का काम होगा कि वह इन नियमों के क्रियान्वयन में आने वाली संभावित समस्याओं और इनसे आम जनता को मिलने वाले लाभों का गहराई से अध्ययन करे और एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
रुक्मणि विहार में 2BHK आवासों का पुनः पंजीकरण
प्राधिकरण की रुक्मणि विहार आवासीय योजना के सेक्टर 3 में बचे हुए 2BHK आवासों को “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर पुनः पंजीकरण के लिए खोलने का प्रस्ताव भी रखा गया। प्राधिकरण ने अभी तक हुए आवंटन की समीक्षा की और पाया कि अभी भी कुछ आवास उपलब्ध हैं। इन आवासों की बिक्री के लिए आवंटन प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई, जिससे आम जनता को कम कीमत पर आवास खरीदने का एक और मौका मिलेगा।
बैठक में मौजूद रहे अधिकारी
बैठक में जिलाधिकारी सी पी सिंह, प्राधिकरण उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह, नगर आयुक्त जग प्रवेश और अन्य संबंधित अधिकारी तथा गैर-सरकारी सदस्य मौजूद थे। इन फैसलों से मथुरा-वृंदावन क्षेत्र में सुनियोजित विकास और आम जनता के लिए बेहतर सुविधाओं की उम्मीद जगी है।