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PM Modi Ethiopia Visit: अदीस अबाबा में प्रधानमंत्री मोदी का ऐतिहासिक संबोधन, भारत-इथियोपिया की एकता और सहयोग का दिया वैश्विक संदेश

PM Modi Ethiopia Visit: अदीस अबाबा में प्रधानमंत्री मोदी का ऐतिहासिक संबोधन, भारत-इथियोपिया की एकता और सहयोग का दिया वैश्विक संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अदीस अबाबा में इथियोपिया की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए भारत और इथियोपिया के बीच मजबूत, ऐतिहासिक और भरोसेमंद संबंधों को रेखांकित किया। अपने भाषण में उन्होंने एकता, सहयोग और साझा आकांक्षाओं की शक्ति पर जोर देते हुए कहा कि जब देश दिल से जुड़ते हैं, तो असंभव भी संभव हो जाता है। प्रधानमंत्री का यह संबोधन न केवल द्विपक्षीय रिश्तों की मजबूती का प्रतीक रहा, बल्कि वैश्विक दक्षिण के देशों के लिए एक प्रेरक संदेश भी बना।

प्रधानमंत्री मोदी ने इथियोपिया की एक प्रसिद्ध कहावत का उल्लेख करते हुए कहा कि जब मकड़ी के जाले आपस में जुड़ जाते हैं, तो वे शेर को भी बांध सकते हैं। इसी विचार को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि भारत में यह मान्यता है कि जब दिल एकजुट होते हैं, तो पहाड़ भी रास्ता दे देते हैं। उन्होंने कहा कि एकजुटता में शक्ति और सहयोग में सामर्थ्य है, और आज भारत व इथियोपिया प्राचीन सभ्यताओं, मित्र राष्ट्रों और वैश्विक दक्षिण के मजबूत साझेदारों के रूप में एक साथ खड़े हैं।

प्रधानमंत्री ने दोनों देशों की साझा सांस्कृतिक विरासत पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने भारत के राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ और इथियोपिया के राष्ट्रीय गान के बीच समानता का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों ही धरती को माता के रूप में देखते हैं, जो नागरिकों में गर्व, कर्तव्य और जिम्मेदारी की भावना जगाता है। उन्होंने कहा कि यही साझा भावनाएं दोनों देशों को एक-दूसरे के और करीब लाती हैं।

मोदी ने वैश्विक दक्षिण की भूमिका पर बोलते हुए कहा कि भारत और इथियोपिया का सपना एक ऐसे विश्व का है जहां वैश्विक दक्षिण किसी के खिलाफ नहीं, बल्कि सबके हित में खड़ा हो। उन्होंने भारत के डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना मॉडल की सराहना करते हुए बताया कि किस तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म ने सेवा वितरण और शासन के तरीके को बदल दिया है। उन्होंने कहा कि भारत और इथियोपिया जैसे विकासशील देश एक-दूसरे से सीख सकते हैं और साझा अनुभवों के आधार पर आगे बढ़ सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बढ़ते आर्थिक संबंधों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियां इथियोपिया में सबसे बड़े विदेशी निवेशकों में शामिल हैं और रोजगार सृजन, उद्योग तथा बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने इथियोपिया की प्राचीन ज्ञान परंपरा और आधुनिक महत्वाकांक्षाओं के संतुलन की सराहना करते हुए इसे राष्ट्रीय शक्ति का बड़ा स्रोत बताया।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और इथियोपिया को क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और संपर्क के क्षेत्र में स्वाभाविक साझेदार बताया। उन्होंने कहा कि दोनों देश मिलकर अफ्रीका और एशिया के बीच सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री को ‘इथियोपिया का महान सम्मान निशान’ से सम्मानित किया गया, जिसे उन्होंने भारत की जनता की ओर से विनम्रतापूर्वक स्वीकार किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इथियोपिया की संसद, जनता और लोकतांत्रिक यात्रा के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त करते हैं और 140 करोड़ भारतीयों की ओर से मित्रता, सद्भावना और भाईचारे का संदेश लेकर आए हैं। उन्होंने इथियोपिया के किसानों, उद्यमियों, महिलाओं और युवाओं का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि भारत और इथियोपिया न केवल जलवायु में बल्कि भावना और गर्मजोशी में भी समानता साझा करते हैं। उनका यह संबोधन दोनों देशों के रिश्तों में एक नई ऊर्जा और दिशा देने वाला साबित हुआ।

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