Murali Naik: ‘मेरी मर्ज़ी के खिलाफ सेना में गया बेटा मुरली’, पिता बोले – देशसेवा ही उसका सपना था
Murali Naik: जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन सिंदूर के तहत शहीद हुए मुरली नाइक के पिता बोले, "वो मेरी मर्ज़ी के खिलाफ सेना में गया, लेकिन उसका सपना था देश की सेवा करना।" पढ़ें दिल को छू लेने वाली ये पूरी कहानी।

Murali Naik: जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन सिंदूर के तहत शहीद हुए मुरली नाइक के पिता बोले, “वो मेरी मर्ज़ी के खिलाफ सेना में गया, लेकिन उसका सपना था देश की सेवा करना।” पढ़ें दिल को छू लेने वाली ये पूरी कहानी
Murali Naik: जिसने पिता की मर्ज़ी के खिलाफ पहन ली सेना की वर्दी
जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में ऑपरेशन सिंदूर के तहत मुठभेड़ में शहीद हुए जवान मुरली नाइक की कहानी हर भारतीय के दिल को छूने वाली है। मुरली ने अपने पिता की मर्ज़ी के खिलाफ जाकर सेना जॉइन की थी क्योंकि वह बचपन से ही देश की सेवा करना चाहता था।
Murali Naik नाइक की शौर्यगाथा
“मेरी इच्छा के विरुद्ध सेना में गया बेटा” – पिता की आंखों में आंसू
आंध्र प्रदेश के श्री सत्यसाई जिले के निवासी मुरली नाइक का शुक्रवार को अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव कल्लिटांडा में किया गया। उनके पिता श्रीधर नाइक ने रुंधे गले से कहा, “वो मेरी इच्छा के विरुद्ध सेना में गया, क्योंकि वो देश के लिए जीना और मरना चाहता था।”
मुरली मुंबई के घाटकोपर स्थित कामराज नगर में पले-बढ़े थे। 2022 में वह अग्निवीर योजना के तहत भारतीय सेना में शामिल हुए।
पंजाब नहीं, कश्मीर में ड्यूटी कर रहे थे Murali Naik
Murali Naik ने अपनी पोस्टिंग को लेकर घरवालों को अंधेरे में रखा। पिता श्रीधर नाइक ने बताया, “उसने कहा था कि वो पंजाब में तैनात है, ताकि हम डरें नहीं। असल में उसे जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन सिंदूर के तहत भेजा गया था।” इससे पहले उनकी पोस्टिंग सिक्किम में थी।
आखिरी कॉल बना अंतिम स्मृति
श्रीधर नाइक ने बताया कि बलिदान से ठीक एक घंटे पहले, सुबह 8 बजे मुरली ने वीडियो कॉल कर माता-पिता का हाल पूछा था। उसी दिन सुबह 9 बजे सेना अधिकारियों से मुरली की शहादत की सूचना मिली।
परिवार की हालत, जो Murali Naik के बलिदान से टूटा
शहीद Murali Naik अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला था। उनके पिता दिहाड़ी मजदूर हैं और मां घरेलू सहायिका। श्रीधर नाइक ने बताया कि परिवार 32 वर्षों से मुंबई के कामराज नगर में रह रहा है और मुरली वहीं पले-बढ़े।
नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “घाटकोपर और पूरा राष्ट्र मुरली नाइक के बलिदान को हमेशा याद रखेगा। ओम शांति।”
एन. चंद्रबाबू नायडू
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने शहीद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “उनका बलिदान देश की सेवा की सच्ची मिसाल है।”
देवेंद्र फडणवीस
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हालांकि उनका पैतृक स्थान आंध्र प्रदेश है, लेकिन उनका परिवार मुंबई में बसा है। हम उनकी शहादत को नमन करते हैं।”
अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब
शहीद Murali Naik के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव कल्लिटांडा लाया गया, जहां ग्रामीणों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। गांव में मातम का माहौल था लेकिन साथ ही गर्व की भावना भी थी कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ।
Murali Naik जैसे जवानों की शहादत हमें यह याद दिलाती है कि असली राष्ट्रभक्ति सिर्फ शब्दों में नहीं, कर्मों में होती है। उनके बलिदान को भारत कभी नहीं भूलेगा।
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