अब जंगली जानवरों द्वारा किए जाने वाले नुकसान से किसानों को मिलेगा मुआवजा : विजय बंसल
– पहले नही था कोई प्रावधान,विजय बंसल ने दायर की थी जनहित याचिका
– हरियाणा सरकार ने अधिसूचना जारी कर निर्धारित किया मुआवजा,प्रदेश के किसानों को होगा फायदा
— अब फसलों,आवासों,व्यक्तियों व मवेशियों को जंगली जानवरो द्वारा नुकसान पर मिलेगा किसानों को मुआवजा
चंडीगड़ 12 जनवरी हरियाणा सरकार ने अधिसूचना जारी करके जंगली जानवरों द्वारा फसलों के नुकसान,आवासो को क्षतिग्रस्त करना,व्यक्ति के मारे जाने अपंग तथा घायल करने,मवेशियों को नुकसान पहुंचाना आदि की भरपाई के लिए मुआवजा निर्धारित करदिया है।दरअसल,जंगली जानवरों द्वारा किसानों की फसल को नष्ट किए जाने के लिए अब तक की सरकारे गंभीर नही थी पर लेकिन हरियाणा किसान कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व हरियाणा सरकार में चेयरमेन रह चुके विजय बंसल एडवोकेट द्वारा पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट,चंडीगढ़ में जंगली जानवरों द्वारा किसानों की फसल के नुकसान की भरपाई के मामले में जनहित याचिका न 13653 दायर की गई थी,इसके लिए बंसल ने सरकार को कानूनी नोटिस व अनेको ज्ञापन भी दिए जिस कारण अब सरकार को किसानों की सुध लेनी पड़ी और मुआवजा निर्धारित करना पड़ा है।पहले वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 में जंगली जानवरों द्वारा किसानों की फसल को नष्ट करने पर कोई प्रावधान नही था।
जानकारी देते हुए शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष विजय बंसल ने बताया कि जहां जंगली जानवरों द्वारा फसलों का 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान किया जाएगा उसमें कृषि-बागबानी और वार्षिक वृक्षारोपण फसलों के लिए बरसात पर आधारित फसलों के नुकसान पर 6800 रुपये प्रति हेक्टेयर व सिंचाई पर आधारित फसलों के नुकसान पर 13500 रुपए प्रति हेक्टेयर,बारहमासी फसलों के नुकसान पर 18 हजार रुपये प्रति एकड़,रेशम के कीड़ों के पालन में 4800 रुपए प्रति एकड़ इरी मलबेरी और टसर के लिए तो मूगा के लिए 6000 रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा।
इसके साथ ही जंगली जानवरों द्वारा पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त किए जाने वाले आवास के लिए 95,100 प्रति पक्का व कच्चा घर मैदानी क्षेत्र के लिए तो बुरी तरह से क्षतिग्रस्त किए जाने वाले पक्के व कच्चे घरों के लिए 1,01,900 रुपए प्रति घर पहाड़ी क्षेत्र के लिए और एकीकृत कार्य योजना से सम्मलित जिलों के लिए,इसके साथ साथ आंशिक रूप से नष्ट पक्के व कच्चे घरों में जहां नुकसान कम से कम प्रतिशत होगा झोपड़ियों के अलावा वहां 5200 व 3200 प्रति घर तो नष्ट झोपड़ी के लिए 4100 प्रति झोपड़ी तो घर के साथ मवेशी पालन पर 2100 प्रति छप्पर का मुआवजा निर्धारित किया गया है।सरकार ने जंगली जानवरो द्वारा किसान मरने पर 2 लाख,अपाहिज होने पर 1 लाख और बच्चे के मरने पर 70 हजार तथा अपाहिज होने पर 35 हजार का मुआवजा दिया जाएगा।
विजय बंसल ने बताया कि यदि किसी किसान के पशु को तेंदुआ,लकड़बग्धा व भेड़िए द्वारा मारा जाए तो गाय-सांड को मारने पर 12000,भैंस पर 30000,गांय के बछड़े पर 6000,भैंस के बछड़े पर 7000,भेड़ पर 3000,बकरे पर 3500,ऊंट पर 20000 व घोड़ा/घोड़ी को मारने पर 30000 का मुआवजा सरकार द्वारा दिया जाएगा।
— जनहित याचिका में क्या बताई थी जंगली जानवरो द्वारा नुकसान की समस्या….
विजय बंसल ने जनहित याचिका में कहा था कि हरियाणा के अनेको गांवों की सीमा के साथ अधिकतर वन क्षेत्र है जिस कारण अनेको जंगली जानवर जैसे जंगली सुअर व जंगली नील गाय आदि किसानों की फसलों को चट कर जाते है व तहस नहस करके भारी नुकसान करते है जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है।अनेको जगह वैसे ही सिंचाई के पुख्ता प्रबंध नही है व कम जमीन होने के कारण किसानों के पास कमाई का कोई साधन भी नही है।आए दिन जंगली जानवर सेकड़ो के झुंड में आकर फसलों को चट कर जाते है,पालतू पशुओं को मार देते है व नुकसान पहुंचाते हैं।अब सरकार द्वारा उनकी याचिका के पश्चात कोर्ट के आदेशो पर मुआवजा निर्धारित किए जाने पर उन्होंने अधिसूचना के किसानहित में स्वागत किया है।
— विजय ने कहा,7 साल का संघर्ष लाया रंग,ज्ञापन पत्रों से कोर्ट तक लड़ी लड़ाई…
शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष विजय बंसल ने बताया कि 7 साल का संघर्ष रंग लाया है जिसमे उन्होंने 2013 में प्रधान सचिव वन विभाग,प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं जिला उपायुक्तों को कानूनी नोटिस भेज कर जंगली जानवरो द्वारा किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए,तारबंदी आदि के लिए मांग करी थी।इस संबंध में कृषि मंत्री हरियाणा सरकार को 19 जनवरी 2015 को ज्ञापन भेजा था परन्तु कोई कार्यवाही नही हुई जिसके बाद 2018 में फिर कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट की याचिका 2019 में दायर कर सरकार को मुआवजा निर्धारित करवाने के आदेश करवाए थे।