Noida: जेपी स्पोर्ट्स सिटी में फंसे सात हजार खरीदारों को फ्लैट मिलने की उम्मीद बढ़ी

Noida: जेपी स्पोर्ट्स सिटी में फंसे सात हजार खरीदारों को फ्लैट मिलने की उम्मीद बढ़ी
नोएडा। वर्षों से अपने घर का इंतजार कर रहे जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के सात हजार से अधिक फ्लैट खरीदारों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर गठित समिति की बैठक पांच दिसंबर को लखनऊ में आयोजित होगी, जिसमें रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की संभावना है। यह बैठक अपर मुख्य सचिव (औद्योगिक विकास) आलोक कुमार की अध्यक्षता में होगी, जिसमें परियोजनाओं की प्रगति और आगे की कार्ययोजना पर विस्तार से मंथन किया जाएगा।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. आरके सिंह ने बताया कि इस बैठक में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व तकनीकी संस्था करी एंड ब्राउन की स्टडी रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएगी, जिसे परियोजनाओं को पूरा करने की व्यवहारिकता का आकलन करने के लिए तैयार किया गया था। रिपोर्ट के आधार पर फ्लैट निर्माण से जुड़ी रणनीति और समयसीमा निर्धारित की जा सकती है। प्राधिकरण का कहना है कि लंबे समय से रुकी परियोजनाओं पर जल्द ठोस फैसला होने से खरीदारों को अत्यंत राहत मिल सकती है।
गौरतलब है कि वर्ष 2009-10 में जेएएल की सहायक कंपनी जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स को विशेष विकास क्षेत्र (एसडीजेड) योजना के तहत 1000 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई थी, जिसके अंतर्गत स्पोर्ट्स सिटी का विकास किया जाना था। इसी परियोजना में बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट भी शामिल है, जहां वर्ष 2023 में मोटो जीपी बाइक रेस आयोजित की गई थी। इसके साथ ही सात हजार से अधिक खरीदारों से जुड़ी 10 आवासीय परियोजनाएं भी रही हैं, जो निर्माण अधूरा रहने के कारण वर्षों से बंद पड़ी हैं।
यमुना प्राधिकरण के बकाया भुगतान में चूक के बाद हाईकोर्ट ने प्राधिकरण द्वारा भूमि आवंटन रद्द किए जाने के फैसले को सही ठहराया था और प्राधिकरण को आदेश दिया था कि खरीदारों के फ्लैट तैयार कर उन्हें सौंपने की पूरी जिम्मेदारी उसकी होगी। इस बीच करीब 1800 खरीदार अपनी राशि वापस ले चुके हैं, जबकि शेष खरीदारों से बिल्डर द्वारा लगभग 95 प्रतिशत राशि पहले ही वसूल कर ली गई थी।
हाईकोर्ट के निर्देश पर बनाई गई समिति में अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार अध्यक्ष हैं। इसके साथ यूपी रेरा के चेयरमैन, यीडा के सीईओ डॉ. आरके सिंह, प्रमुख सचिव की ओर से नामित प्रतिनिधि और फ्लैट खरीदारों का प्रतिनिधि शामिल है। वहीं, बकाया राशि की प्राप्ति और कानूनी प्रक्रिया के समन्वय के लिए ओएसडी शैलेंद्र भाटिया को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
फ्लैट की प्रतीक्षा कर रहे हजारों परिवारों को उम्मीद है कि पांच दिसंबर की बैठक इस लंबे संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में निर्णायक कदम साबित होगी और जल्द ही उन्हें अपने घर मिलने की वास्तविक प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।





