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Noida Electricity: नोएडा में सभी हाईटेंशन लाइनें होंगी भूमिगत, हर मौसम में मिलेगी निर्बाध बिजली

Noida Electricity: नोएडा में सभी हाईटेंशन लाइनें होंगी भूमिगत, हर मौसम में मिलेगी निर्बाध बिजली

शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं को हर मौसम में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नोएडा जिले में सभी हाईटेंशन (एचटी) बिजली लाइनों को भूमिगत करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। विद्युत निगम ने इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कार्य बिजली ढांचे के आधुनिकीकरण की व्यापक योजना के तहत किया जा रहा है, जिससे वर्षों पुराने बिजली नेटवर्क को मजबूत और तकनीकी रूप से उन्नत बनाया जा सके।

इस योजना के अंतर्गत सभी 11 हजार केवीए और 33 हजार केवीए की हाईटेंशन लाइनें जमीन के नीचे डाली जाएंगी। इसके साथ ही इन लाइनों को स्काडा (SCADA) कंट्रोल सिस्टम से जोड़ा जाएगा, ताकि कंट्रोल रूम से ऑनलाइन निगरानी की जा सके। किसी भी फॉल्ट की स्थिति में तुरंत जानकारी मिलने से मरम्मत कार्य तेजी से किया जा सकेगा और बिजली आपूर्ति बाधित होने की समस्या कम होगी।

बिजली ढांचे के आधुनिकीकरण और स्काडा कंट्रोल योजना के तहत केंद्र और प्रदेश सरकार की संयुक्त योजना में जिले के लिए कुल 1313 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को स्वीकृति दी जा चुकी है। इस बजट से न केवल हाईटेंशन लाइनों को भूमिगत किया जाएगा, बल्कि बिजली लाइनों की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी। जरूरत के अनुसार नई बिजली लाइनें बिछाई जाएंगी और जर्जर खंभों को दुरुस्त करने के साथ नए खंभे भी लगाए जाएंगे।

यह पूरा कार्य दो चरणों में किया जाएगा। फिलहाल स्काडा योजना के तहत 650 करोड़ रुपये का टेंडर एक नामी कंपनी को दिया जा चुका है। कंपनी के प्रतिनिधियों ने जिले के अभियंताओं के साथ समन्वय बनाते हुए कार्य की रूपरेखा तय करने के लिए बैठकों की शुरुआत कर दी है। अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना के पूरा होने से दशकों पुराना बिजली ढांचा आधुनिक तकनीक से लैस हो जाएगा।

आंकड़ों की बात करें तो शहर में 33 हजार केवी की करीब 550 किलोमीटर लंबी बिजली लाइनें हैं, जिनमें से लगभग 460 किलोमीटर लाइन पहले ही भूमिगत की जा चुकी है। शेष करीब 90 किलोमीटर लाइन को भी जल्द अंडरग्राउंड किया जाएगा। वहीं, 11 हजार केवी की कुल 1601 किलोमीटर लाइनें शहर में मौजूद हैं, जिनमें से 560 किलोमीटर लाइन भूमिगत हो चुकी है। बाकी 1040 किलोमीटर लाइन को अगले एक वर्ष में भूमिगत करने का लक्ष्य रखा गया है।

इस योजना के तहत बिजली उपकेंद्रों को भी आपस में जोड़ा जाएगा, ताकि किसी एक उपकेंद्र में तकनीकी खराबी आने पर दूसरे उपकेंद्र से तुरंत आपूर्ति शुरू की जा सके। इसके अलावा वैकल्पिक लाइनों का निर्माण भी किया जाएगा, जिससे एक लाइन में खराबी आने पर दूसरी लाइन से बिजली सप्लाई जारी रखी जा सके।

बिजली ढांचे के इस आधुनिकीकरण का त्वरित लाभ शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं को मिलेगा। आंधी, बारिश और तेज हवाओं के दौरान होने वाली बिजली कटौती में कमी आएगी। साथ ही लोकल फॉल्ट की समस्या से भी काफी हद तक राहत मिलेगी। विद्युत निगम का मानना है कि नामी कंपनी को टेंडर दिए जाने के बाद काम की रफ्तार तेज होगी और समयबद्ध तरीके से परियोजना को पूरा किया जाएगा।

विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता विवेक कुमार पटेल ने बताया कि उपभोक्ताओं को हर मौसम में निर्बाध बिजली आपूर्ति देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। स्काडा योजना के तहत आधुनिक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा और सभी हाईटेंशन लाइनों को भूमिगत किया जाएगा, जिससे बिजली आपूर्ति व्यवस्था अधिक सुरक्षित, विश्वसनीय और आधुनिक बन सके।

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