Noida Crime: नोएडा में 72 वर्षीय महिला वकील को फर्जी ‘डिजिटल अरेस्ट’ दिखाकर 3.29 करोड़ की साइबर ठगी, पुलिस जांच में जुटी

Noida Crime: नोएडा में 72 वर्षीय महिला वकील को फर्जी ‘डिजिटल अरेस्ट’ दिखाकर 3.29 करोड़ की साइबर ठगी, पुलिस जांच में जुटी
रिपोर्ट: अमर सैनी
नोएडा में साइबर अपराधियों ने हाई प्रोफाइल महिलाओं को निशाना बनाने का नया तरीका अपना लिया है, जिसका ताजा उदाहरण नोएडा में सामने आया है। यहां सेक्टर-47 स्थित डी ब्लॉक में रहने वाली 72 वर्षीय एक वरिष्ठ महिला वकील को फर्जी ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर पांच दिन तक मानसिक दबाव में रखकर उनसे 3.29 करोड़ रुपये की ठगी कर ली गई। यह पूरा मामला साइबर पुलिस के पास दर्ज हो चुका है और जांच जारी है। पीड़ित महिला ने शिकायत में बताया कि वह उच्च न्यायालय में वर्षों तक वरिष्ठ वकील रही हैं और अब सेवानिवृत्त हैं। 10 जून को उनके लैंडलाइन फोन पर एक कॉल आया जिसमें कॉलर ने खुद को किसी जांच एजेंसी का अधिकारी बताया। उस शख्स ने दावा किया कि महिला के आधार कार्ड और बैंक अकाउंट का इस्तेमाल हथियारों की तस्करी, ब्लैकमेलिंग और जुए में किया गया है, और इस सिलसिले में उनके खिलाफ 25 अप्रैल को मामला दर्ज हो चुका है।
कॉलर ने उन्हें जेल भेजने की धमकी दी और बताया कि यदि वे जांच में सहयोग नहीं करेंगी तो उन्हें हिरासत में लिया जाएगा। इसके बाद उन्हें एक और व्यक्ति का नंबर दिया गया, जिसे कथित तौर पर NOC जारी करने वाला अधिकारी बताया गया। इस व्यक्ति ने WhatsApp वीडियो कॉल पर संपर्क किया, जिसमें पुलिस वर्दी में एक व्यक्ति दिखाई दिया और पीछे की पृष्ठभूमि बिल्कुल किसी असली थाने जैसी प्रतीत हो रही थी। साइबर ठगों ने सुनियोजित तरीके से महिला से उनके बैंक खातों, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और जमा धनराशि की जानकारी ली। इसके बाद उन्हें निर्देश दिया गया कि वे अपने एफडी तुड़वाकर जांच के नाम पर बताई गई अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करें। महिला को यह भी भरोसा दिलाया गया कि रकम जांच के बाद उनके मूल खाते में वापस कर दी जाएगी।
अगले पांच दिनों तक महिला को डिजिटल रूप से मानसिक बंदी (Digital Arrest) बनाकर ठगों ने पांच बार में 3 करोड़ 29 लाख 70 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए। जब उनसे और धनराशि ट्रांसफर करने की मांग की गई, तब महिला को शक हुआ। बेटे की सलाह पर उन्होंने मामले की शिकायत नोएडा साइबर क्राइम थाने में दर्ज करवाई। नोएडा साइबर पुलिस ने अज्ञात तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में हाईटेक साइबर गैंग शामिल हो सकता है, जिसने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित वीडियो कॉल और रीयलिस्टिक बैकग्राउंड का इस्तेमाल करके महिला को भ्रमित किया।