
New Delhi : दिल्ली पुलिस ने आज राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने पर राजधानी में एक अनोखी देशभक्ति लहर जगाई। पूरे शहर में पुलिस जिलों, थानों और विशेष इकाइयों ने सामूहिक गायन कार्यक्रम आयोजित कर इस ऐतिहासिक क्षण को जनभागीदारी के उत्सव में बदल दिया।
दिल्ली पुलिस मुख्यालय में आयोजित केंद्रीय कार्यक्रम में पुलिस आयुक्त सतीश गोल्चा सहित वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों ने वंदे मातरम का सामूहिक गायन किया। लेकिन दिन की असली ताकत राजधानी के हर कोने में एक साथ उठी आवाजों में थी, जहां पुलिस और नागरिक एक ही सुर में जुड़े दिखाई दिए।
दिल्ली के कई थानों ने स्थानीय लोगों को खुला निमंत्रण देकर वंदे मातरम के सामूहिक गायन के छोटे लेकिन प्रभावी कार्यक्रम किए। कम्युनिटी पुलिसिंग सेल्स ने इसे आगे बढ़ाते हुए स्कूलों में विशेष आयोजनों का संचालन किया ताकि बच्चों में देशभक्ति की भावना केवल पाठ्यपुस्तक नहीं, बल्कि अनुभव बन सके।
दिल्ली पुलिस बैंड और ऑर्केस्ट्रा ने Connaught Place, India Gate और अन्य प्रमुख स्थानों पर प्रस्तुति देकर राहगीरों को भी इस राष्ट्रीय गीत की धुन में शामिल किया। यह आयोजन दिखावटी नहीं थे, बल्कि एक सादा याद दिलाने वाले पल थे कि देशभक्ति केवल तय तारीखों की औपचारिकता नहीं, बल्कि रोजमर्रा के रिश्तों में बसी संवेदना है।
1875 में बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित वंदे मातरम ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देश को एकजुट करने वाली ताकत का काम किया। 150 वर्ष बाद भी यह गीत वही सवाल उठाता है: क्या हम एकता को केवल दोहराते हैं या उसे जीते भी हैं?
दिल्ली पुलिस ने आज के आयोजन के जरिए यह संदेश दिया कि देशप्रेम किसी मंच का मोहताज नहीं। कभी-कभी बस एक परिचित पंक्ति, कई आवाजों में, हमें फिर से जोड़ देती है।





