
New Delhi : राज्य सहकारी बैंक (MSC Bank) घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नया मोड़ ला दिया है। 9 जुलाई 2025 को दायर तीसरी पूरक अभियोजन शिकायत में तीन नए नाम शामिल हुए हैं, रोहित पवार, मेसर्स बारामती एग्रो लिमिटेड और राजेंद्र इंगवाले।
ईडी ने इन पर धन शोधन के आरोप लगाए हैं, जिनमें सरकारी पैसों के दुरुपयोग और संदिग्ध लेन-देन की भूमिका सामने आई है। मुंबई की विशेष पीएमएलए अदालत ने 18 जुलाई 2025 को इनके खिलाफ आदेश जारी किया।
यह मामला सिर्फ भ्रष्टाचार की कहानी नहीं, बल्कि बताता है कि किस तरह ताकतवर नेटवर्क और कारोबारी संस्थाएं मिलकर व्यवस्था को चोट पहुंचाती हैं। अब सवाल है: क्या जांच अपने अंजाम तक पहुंचेगी या फिर यह भी सत्ता और साठगांठ के जाल में उलझकर रह जाएगा?