
नई दिल्ली, 31 जुलाई : आप लोग तंबाकू और तंबाकू से बने उत्पादों का सेवन ना करें। इसके उपयोग से कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, सीओपीडी, अस्थमा, पेप्टिक अल्सर, कम वजन जन्म, मृत जन्म, नपुंसकता आदि गंभीर स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में आपको बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, खैनी, पान, तंबाकू रहित जीवनशैली अपनानी चाहिए ताकि मरीजों और उनके परिजनों को एक आदर्शवादी प्रेरणा मिल सके।
यह बातें वीएमएमसी और सफदरजंग अस्पताल के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ. जुगलकिशोर ने अस्पताल में कार्यरत सुरक्षा गार्डों और सफाई कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने यह भी बताया कि अस्पताल की ओपीडी में तंबाकू मुक्ति सेवाएं उपलब्ध हैं और अगर वे स्वयं या कोई अन्य व्यक्ति तंबाकू सेवन का आदी है, तो वे विशेषज्ञों से निशुल्क मदद ले सकते हैं। इस जागरूकता कार्यक्रम के अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ. अनीता खोखर, डॉ. शालिनी स्मालना, डॉ. स्नेहा कुमारी और राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के उप-सहायक महानिदेशक, डॉ. अविनाश सुंथलिया मौजूद रहे।
वहीं, ‘धूम्रपान के पीछे का सच: तंबाकू के बारे में आपको क्या जानना चाहिए’ विषय पर आयोजित विशेष सत्र में डॉ अविनाश सुंथलिया ने कहा, तंबाकू के उपयोग से प्रतिवर्ष 13.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है, जो भारत में कुल मौतों का लगभग 9.5% है। उन्होंने निकोटीन की लत की प्रकृति, युवाओं पर इसके प्रभाव और कैंसर से इसके संबंध की जानकारी प्रदान की। उन्होंने प्राकृतिक डोपामाइन बूस्टर को बढ़ावा दिया और सीओपीटीए, पीईसीए और टीओएफईआई जैसे सरकारी प्रयासों पर चर्चा की।
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