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नई दिल्ली: संविदा पर काम कर रहे डॉक्टरों को हटाने के विरोध में उतरी आरडीए

नई दिल्ली: -हिंदूराव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने एमएस को लिखी चिटठी

नई दिल्ली, 26 मार्च : हिंदूराव अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने कॉन्ट्रेक्ट पर काम कर रहे डॉक्टरों को हटाने के खिलाफ अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

डॉक्टरों का कहना है कि प्रशासन कॉन्ट्रेक्ट पर काम कर रहे डॉक्टरों को हटा रहा है और उनकी जगह किसी को नहीं रखा जा रहा है। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को एक चिटठी लिखकर इस फैसले का विरोध किया है। डॉक्टरों का कहना है कि कॉन्ट्रेक्ट वाले डॉक्टरों को हटाने से अन्य डॉक्टरों पर काम का बोझ बढ़ जाएगा और मरीजों को ठीक से इलाज नहीं मिल पाएगा। दरअसल कई बार जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर और सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर जब अपने शैक्षणिक कार्यक्रम को पूरा कर लेते हैं। तब अस्पताल सेवाओं को सुचारु बनाए रखने के लिए कॉन्ट्रेक्ट पर डॉक्टरों को नियुक्त किया जाता है।

आरडीए के अध्यक्ष डॉ अक्षय शर्मा ने कहा कि सीनियर रेजिडेंट का कॉन्ट्रेक्ट आमतौर पर एक साल का होता है। लेकिन किसी खास कैटेगरी का नहीं मिलता है तो 44 दिन के लिए कॉन्ट्रेक्ट पर डॉक्टर रख लिए जाते है। फिर भी डॉक्टर नहीं मिलता है तो कॉन्ट्रेक्ट को बढ़ा दिया जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि अब अस्पताल प्रशासन ने 44 दिन के लिए कॉन्ट्रेक्ट पर डॉक्टर रखना बंद कर दिया है, जिससे अस्पताल तें डॉक्टरों की भारी कमी हो गई है।

आरडीए ने एमएस को लिखी चिटठी में कहा है कि इस फैसले से अस्पताल में मरीजों के इलाज में काफी बुरा असर पड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि रेजिडेंट डॉक्टर किसी भी अस्पताल की रीढ़ होते है और उन्हें अचानक हटा देने से अस्पताल में मरीजों को जरुरी सेवाएं नहीं मिल पाएंगी। डॉक्टरों ने कहा कि हमारी मांग है कि जब तक नए डॉक्टर नही आ जाते, तब तक कॉन्ट्रेक्ट वाले डॉक्टरों को काम करने देना चाहिए, ताकि मरीजों को परेशानी ना हो। डॉक्टरों ने अस्पताल प्रशासन से इस फैसले पर दोबारा विचार करने की अपील की है।

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