नई दिल्ली, 27 अक्तूबर : भारतीय सेना का सेलिंग वेसल (आईएएसवी) ‘त्रिवेणी’ ट्राई-सर्विस ऑल-विमेन सर्कम नेविगेशन अभियान ‘समुद्र प्रदक्षिणा’ के तहत विदेशी पोर्ट कॉल के लिए सोमवार को ऑस्ट्रेलिया के तटीय शहर फ्रेमेंटल पहुंचा।
क्रू का स्वागत पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में भारत की कॉन्सल जनरल कजरी बिस्वास, कैनबरा में भारत के डिफेंस एडवाइजर कैप्टन रोहित रेमंड और कॉन्सुलेट के अधिकारियों ने किया। यह आगमन नौ महीने की कुल यात्रा में एक अहम पड़ाव है, जिसे 11 सितंबर 2025 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। समुद्र प्रदक्षिणा दुनिया का पहला त्रि सेवा महिला अधिकारी अभियान है जिसमें भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना की नौ महिला अधिकारी शामिल हैं।
आईएएसवी त्रिवेणी स्वदेशी रूप से निर्मित 50-फुट लंबी भारतीय नौका है। यह पूर्वी रास्ते से यात्रा कर रही है, जो लगभग 26,000 नॉटिकल मील की दूरी तय करेगी। भूमध्य रेखा को दो बार पार करेगी, और तीन बड़े केप (केप लीउविन, केप हॉर्न और केप ऑफ गुड होप) के चक्कर लगाएगी। इस मिशन का एक मजबूत ऑपरेशनल और डिप्लोमैटिक मकसद है, जो यूनिफॉर्म में महिलाओं के नेतृत्व को दिखाता है और पार्टनर देशों के साथ समुद्री संबंधों को मजबूत करता है।
फ्रेमेंटल पहुंचने पर टीम रिगिंग और मेंटेनेंस इंस्पेक्शन, सेफ्टी चेक, स्थानीय रक्षा और सेलिंग समुदायों और आइडीवी सहित भारतीय डायस्पोरा के साथ बातचीत में भी शामिल होगी। स्कूलों और संस्थानों के लिए ‘समुद्री यात्राओं में महिलाएं’ विषय पर एक लेक्चर निर्धारित है। यॉट 08 नवंबर 2025 को न्यूजीलैंड के लिए अपनी यात्रा पर रवाना होगी। समुद्र प्रदक्षिणा अभियान नारी शक्ति, ट्राई-सर्विस एकजुटता और भारत के समुद्री विजन का एक शानदार प्रतीक है।
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