
नई दिल्ली, 25 अप्रैल: भारत और फ्रांस की सरकारों ने एक अंतर-सरकारी खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसके तहत फ्रांस भारतीय नौसेना को 26 राफेल विमान (22 सिंगल-सीटर और चार ट्विन-सीटर) उपलब्ध कराएगा।
समझौते पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस के सशस्त्र बलों के मंत्री सेबेस्टियन लेकॉर्नू ने हस्ताक्षर किए जिसकी प्रतियां भारतीय और फ्रांसीसी अधिकारियों ने सोमवार को नौसेना भवन दिल्ली में एक दूसरे को सौंपी। समझौते में विमान पैकेज आपूर्ति प्रोटोकॉल और हथियार पैकेज आपूर्ति प्रोटोकॉल से लेकर भारतीय लड़ाकू पायलटों को समुद्री राफेल संचालन के बाबत प्रशिक्षण प्रदान किया जाना शामिल है। साथ ही प्रशिक्षण, सिम्युलेटर, संबंधित उपकरण, हथियार और रसद के साथ भारत के मौजूदा राफेल बेड़े के लिए अतिरिक्त उपकरणों की आपूर्ति शामिल हैं।
समझौते में भारत में स्वदेशी हथियारों के एकीकरण के लिए प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण और राफेल फ्यूजलेज के लिए उत्पादन सुविधा की स्थापना के साथ भारत में विमान इंजन, सेंसर और हथियारों के लिए रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल सुविधाएं भी शामिल हैं। इस सौदे से उत्पादन और संचालन में बड़ी संख्या में एमएसएमई के लिए हजारों नौकरियां और राजस्व उत्पन्न होने की उम्मीद है।
फ्रांस के डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित, राफेल-मरीन विमान वाहक पोतों के लिए विकसित किए गए हैं। इनमें समुद्री वातावरण में उड़ान भरने, लैंडिंग करने और हमले करने की क्षमताएं हैं। इन विमानों की डिलीवरी 2030 तक पूरी हो जाएगी। राफेल मरीन के देश के समुद्री बेड़े में शामिल होने से नौसेना के विमानवाहकों में एक और शक्तिशाली एयरक्राफ्ट जुड़ जाएगा जिससे समुद्र में देश की वायु शक्ति में काफी इजाफा होगा।
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