
नई दिल्ली, 16 जुलाई : घी, दूध, पनीर और मसाले जैसे आम तौर पर खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों के नमूने नियमित रूप से एकत्र किए जाएं और संबंधित मामलों का शीघ्र निपटान किया जाए। ताकि बाजार में शुद्ध खाद्य पदार्थों की सुलभता के साथ मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।
इस आशय के निर्देश भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जी. कमलावर्द्धन राव ने बुधवार को जयपुर में दिए। वह राज्य समीक्षा बैठक के दौरान राज्य के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। सीईओ ने बीकानेर में खाद्य सुरक्षा प्रयोगशाला की स्थापना की प्रक्रिया में तेजी लाने की आवश्यकता पर भी बल दिया और सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने खाद्य सुरक्षा एवं मानक (एफएसएस) अधिनियम, 2006 के तहत मिलावट रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों का मूल्यांकन भी किया।
इसके अलावा, सीईओ ने खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने और खाद्य मिलावट से निपटने में राजस्थान सरकार के सक्रिय प्रयासों की सराहना की। उन्होंने अधिकारियों को लंबित खाद्य मिलावट के मामलों के शीघ्र निपटान की आवश्यकता पर बल देते हुए प्रवर्तन को मजबूत करने के लिए निरंतर निगरानी सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। बैठक में एफएसएस अधिनियम, 2006 के अनुसार, मामले की पहली सुनवाई के 90 दिनों के भीतर निर्णय लेने के लिए भी कहा गया। सीईओ ने राज्य में रिक्त खाद्य सुरक्षा अधिकारी (एफएसओ) के पदों का जायजा लिया और सलाह दी कि इन्हें जल्द से जल्द भरा जाए।