नई दिल्ली, 3 अगस्त: भारत की कालातीत खाद्य संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने ‘आयुर्वेद आहार’ श्रेणी के तहत आयुर्वेदिक खाद्य पदार्थों की सुस्पष्ट सूची जारी की है। यह पहल न केवल खाद्य व्यवसाय संचालकों को आवश्यक स्पष्टता प्रदान करती है, बल्कि आयुर्वेद-आधारित पोषण में उपभोक्ताओं के विश्वास को भी मजबूत करती है।
आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने नागरिकों से आयुर्वेद आहार को अपने दैनिक जीवन में शामिल करने का आग्रह किया, ताकि इसके दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभों का अनुभव किया जा सके। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत के पारंपरिक ज्ञान पर आधारित ये समय-परीक्षित आहार पद्धतियाँ न केवल शरीर को पोषण देती हैं, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करती हैं, पाचन में सहायता करती हैं और समग्र कल्याण को बढ़ावा देती हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली में, आयुर्वेद आहार को अपनाना निवारक स्वास्थ्य सेवा और एक संतुलित, सतत जीवन शैली की दिशा में एक अर्थपूर्ण कदम है।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि अनुसूची ए में सूचीबद्ध खाद्य उत्पादों की सामग्री प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों से सीधे ली गई है, जिससे इन खाद्य पदार्थों की प्रामाणिकता और पारंपरिक आधार सुनिश्चित होता है। इस पहल का उद्देश्य आयुर्वेद आहार उत्पादों के निर्माण के लिए एक स्पष्ट और विश्वसनीय संदर्भ प्रदान करके खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफबीओ) की सहायता करना है।आयुर्वेद आहार उत्पादों की सुस्पष्ट सूची जारी करना भारत की पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों को आधुनिक नियामक व्यवस्था के साथ संरेखित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।



