नई दिल्ली, 28 अक्तूबर : भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आदमकद प्रतिमा पिछले आठ महीने से राम मनोहर लोहिया अस्पताल के प्रांगण में तिरपाल में लिपटी खड़ी है। प्रतिमा का अनावरण एक वीआईपी के हाथों से होना है जो तमाम कार्यक्रमों और समारोहों में व्यस्त रहने के चलते लुटियन जोन के एक कोने से दूसरे कोने तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। वहीं, वीआईपी को आमंत्रण देकर ऊहापोह की स्थिति में फंसे अस्पताल के शीर्ष अधिकारी खुद भी प्रतिमा का अनावरण नहीं कर पा रहे हैं। वैसे आसार ऐसे बन रहे हैं कि अटल जी के जन्मदिन (25 दिसंबर ) पर, इसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों हो जाएगा।
इस आदमकद प्रतिमा को अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज में स्थापित किया गया है। यह कालेज राम मनोहर लोहिया अस्पताल के साथ एकीकृत है और गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से संबद्ध है। प्रतिमा का अनावरण करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी से समय मांगने की प्रक्रिया की जा चुकी है। लेकिन कोई उत्तर न होने के कारण इसका अनावरण केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से कराने की सोची गई लेकिन उनके कार्यालय से भी शायद जवाब नहीं आया क्योंकि अनुरोध प्रधानमंत्री कार्यालय में लंबित है। इस बीच अस्पताल के तीन निदेशक बदल गए। इनमें से एक सेवानिवृति के चलते, दूसरे अस्थायी पद के चलते और तीसरे प्रशासनिक अनुभव न होने के चलते प्रतिमा का वीआईपी अनावरण कराने में नाकाम रहे।
इस कॉलेज को 2009 में स्थापित किया गया था जिसे पोस्ट ग्रेजुएशन और सुपर स्पेशलाइजेशन कॉलेज के रूप में पहचाना जाता था। 2016 में वाजपेयी के निधन के बाद आरएमएल अस्पताल के तत्कालीन निदेशक डॉ. वीके तिवारी ने 2019 में कॉलेज का नाम वाजपेयी के नाम पर रखने का प्रस्ताव सरकार से मंजूर करा लिया। इस दौरान 100 सीटों के साथ एमबीबीएस पाठ्यक्रम की भी शुरुआत की गई। वहीं मार्च 2025 में तत्कालीन निदेशक डॉ अजय शुक्ला ने अटल जी की आदमकद कांसे की मूर्ति बनवाकर अस्पताल परिसर के गेट नंबर नौ के सामने लगवा दी। तब से यह मूर्ति तिरपाल में लिपटी है और अनावरण की प्रतीक्षा कर रही है। हालांकि, अब मूर्ति को होर्डिंग से ढक दिया गया है। अस्पताल का कोई भी वरिष्ठ अधिकारी इस मामले पर कुछ कहने को तैयार नहीं है।
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