
नई दिल्ली, 30 मई : अगर आपको आयुष दवाओं से रिएक्शन हुआ है या आयुष के भ्रामक विज्ञापनों पर विश्वास करके धोखा मिला है तो आवाज उठाएं और घर बैठे अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज कराएं। यानि अपनी शिकायत ‘आयुष सुरक्षा पोर्टल’ के जरिये सीधे केंद्र सरकार तक पहुंचाएं।
दरअसल, पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में उपभोक्ता संरक्षण और नियामक निगरानी को मजबूत करने के लिए आयुष मंत्रालय ने एक ऐसा पोर्टल विकसित किया है जो गलत सूचनाओं के खिलाफ एक सतर्क निगरानीकर्ता के रूप में काम करेगा। शुक्रवार को केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने नई दिल्ली स्थित आयुष भवन में ‘आयुष सुरक्षा पोर्टल’ को लॉन्च किया। यह आयुष मंत्रालय को रिपोर्ट किए गए मामलों पर कार्रवाई के लिए विकसित किया गया जो सभी शिकायतों को डैशबोर्ड पर केंद्रीकृत करेगा। इसकी मदद से शिकायत की वास्तविक समय पर ट्रैकिंग, त्वरित नियामक कार्रवाई और विस्तृत डेटा विश्लेषण संभव हो सकेगा।
जाधव ने कहा, आयुष सुरक्षा पोर्टल के लॉन्च के साथ, हम नागरिकों और पेशेवरों को आयुष सिस्टम की अखंडता की रक्षा में सक्रिय भागीदार बनने के लिए सशक्त बना रहे हैं। यह प्लेटफॉर्म भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ एक सतर्क निगरानीकर्ता के रूप में काम करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि केवल सुरक्षित और विश्वसनीय उत्पाद ही लोगों तक पहुंचें। यह पोर्टल आयुष इकोसिस्टम के भीतर फार्माकोविजिलेंस और विनियामकों को एक प्लेटफॉर्म पर लाने में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है।
इस पोर्टल को केंद्रीय सिद्ध अनुसंधान परिषद (सीसीआरएस) के तकनीकी सहयोग से विकसित किया गया है। यह राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस कार्यक्रम के साथ संरेखित है। इसके माध्यम से उपभोक्ताओं और स्वास्थ्य पेशेवरों को भ्रामक विज्ञापनों एवं प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं की रिपोर्ट करने में और नियामक अधिकारियों को निगरानी करने में मदद मिलेगी। सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा, इस पोर्टल की सेवाएं जनता को बेहद सरल तरीके से सुलभ होंगी ताकि वह भ्रामक विज्ञापनों या प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया की सीधी रिपोर्ट आसानी से कर सके।
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