ओलंपिक पदक विजेता मनु भाकर के सम्मान समारोह में पहुंचे सांसद दीपेन्द्र हुड्डा
• ओलम्पिक में 6 में से 5 मेडल हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते लेकिन 2200 करोड़ के खेल बजट में हरियाणा को केवल 65 करोड़ जबकि गुजरात, यूपी को 600, 500 करोड़ दिया
• हरियाणा में कांग्रेस सरकार आने पर ‘पदक लाओ, पद पाओ’ नीति फिर से होगी लागू, खेल-खिलाड़ियों को देंगे प्रोत्साहन – दीपेन्द्र हुड्डा
झज्जर, 25 अक्टूबर। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा आज झज्जर के गाँव गोरिया में ओलंपिक पदक विजेता मनु भाकर के सम्मान समारोह में शामिल होकर उन्हें सम्मानित किया और बधाई दी। उन्होंने कहा कि मनु भाकर ने अपनी अपूर्व खेल प्रतिभा के दमपर ओलंपिक इतिहास के एक ही संस्करण में 2 पदक जीतकर अद्वितीय उपलब्धि हासिल की अहै और पूरे देश-प्रदेश को गौरवान्वित किया है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि ओलंपिक में पदक जीतने हैं तो देश भर में कांग्रेस की हुड्डा सरकार की पदक लाओ पद पाओ नीति को लागू करना होगा। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि मेडल तभी आ सकता हे जब खिलाड़ियों को मान-सम्मान, उचित प्रोत्साहन, इंफ्रास्ट्रक्चर, उनके भविष्य की सुरक्षा, प्रतिभा की खोज की नीति लागू होगी। दीपेन्द्र हुड्डा ने जंतर-मंतर पर न्याय मांगने धरने पर बैठी ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ी बेटियों की पीड़ा उठाते हुए कहा दुनियाभर में जाकर दूसरे देश के खिलाड़ियों से लड़ने वाले हमारे खिलाड़ियों को सरकार और सिस्टम से न लड़ना पड़े, ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने ऐलान किया कि हरियाणा में कांग्रेस सरकार आने पर ‘पदक लाओ, पद पाओ’ नीति फिर से लागू होगी और खेल-खिलाड़ियों को पूरा प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस दौरान विधायक गीता भुक्कल उनके साथ मौजूद रहीं।
उन्होंने कहा कि ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के लिए शुरूआत बचपन में होती है। हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह ओलंपिक खेलों में तिरंगा सबसे ऊपर फहराते हुए देखे और राष्ट्रगान की धुन सुने। हरियाणा के गांव-गाँव के युवाओं के केवल दो ही सपने होते हैं- फौज में जाना कर मातृभूमि की रक्षा करना, दूसरा खेल के मैदान में भारत का तिरंगा लहराना। लेकिन बीजेपी सरकार ने हरियाणा के खिलाडियों के हितों की घोर उपेक्षा की। कांग्रेस सरकार के समय ग्रुप सी, डी में मिलने वाले 3 प्रतिशत खेल कोटे को खत्म कर दिया। खिलाड़ियों को प्रमोशन से वंचित कर दिया, 2021 के बाद से कैश अवार्ड से भी वंचित कर दिया। कांग्रेस सरकार के समय जूनियर, सब-जूनियर खिलाड़ियों, यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को भी कैश अवार्ड दिया जाता था। कांग्रेस की हुड्डा सरकार ने स्कूल स्तर पर कक्षा 1 से खेल-खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए SPAT नीति बनाई, जिसे भाजपा सरकार ने अंततः समाप्त कर दिया। स्पैट नीति के तहत SC समाज की बेटियों को जिले/राज्य स्तर तक पहुंचने पर 40 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती थी, इसे भी भाजपा सरकार ने खत्म कर दिया। कांग्रेस की हुड्डा सरकार ने पूरे प्रदेश में 232 राजीव गांधी खेल स्टेडियम, 6 अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम बनवाए। लेकिन पिछले 10 साल में बीजेपी सरकार ने रोहतक, अंबाला समेत प्रदेश भर के स्टेडियमों और खेल नर्सरियों की दुर्दशा कर डाली, 10 साल में एक भी कोच की नियुक्ति नहीं की। जो हरियाणा खेल-खिलाड़ियों में नंबर 1 था वो आज नशे में नंबर 1 बन गया है।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कि रेल बजट हो या खेल बजट केंद्र की बीजेपी सरकार बजट में हरियाणा की उपेक्षा करती है। भारत सरकार के बजट में 28 प्रदेशों में सबसे कम बजट हरियाणा को मिला। ओलंपिक में देश के 117 में से 24 खिलाड़ी हरियाणा के थे, देश को मिले 6 में से 5 मेडल हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते, लेकिन 2200 करोड़ के खेल बजट में हरियाणा को सिर्फ 65 करोड़ का बजट दिया, जबकि गुजरात को 600 करोड़ तो यूपी को 500 करोड़ बजट दिया। उन्होंने यह भी कहा कि ओलंपिक में प्रतिभाग करने वाले 21% खिलाड़ी हरियाणा के हैं। पिछले 4 ओलंपिक, एशियाई और कॉमनवेल्थ खेलों में देश के लिए 40% से 50% मेडल हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते। इतना ही नहीं, केंद्र की बीजेपी सरकार हरियाणा से GST में 7 रुपया वसूलकर हरियाणा को केवल 1 रुपया वापस दे रही है। जो पूरे देश में सबसे कम है और हरियाणा के साथ घोर अन्याय है। प्रति व्यक्ति के हिसाब से देखें तो 29 प्रदेशों में सबसे कम यानी 6938 रुपया हरियाणा को मिल रहा है। जबकि, अरुणाचल में 140000 और गोवा हरियाणा के एक जिले जितना है, को 40000 रुपया दिया जा रहा है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि बजट देने में हरियाणा को भूली भाजपा सरकार को चुनाव में लोग वोट देना भूल जाएंगे। हरियाणा से बीजेपी सरकार को पता नहीं क्या नाराजगी है। अगर गुजरात, उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार है तो हरियाणा में भी फिलहाल भाजपा की सरकार है, हालांकि कुछ दिन बाद यह जाने वाली है।