MGNREGA controversy: एमजीएनआरईजीए विवाद पर ममता बनर्जी का केंद्र पर हमला, कहा बंगाल की रोजगार योजना को मिलेगा गांधी जी का नाम

MGNREGA controversy: एमजीएनआरईजीए विवाद पर ममता बनर्जी का केंद्र पर हमला, कहा बंगाल की रोजगार योजना को मिलेगा गांधी जी का नाम
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के वीबी-जी राम जी विधेयक को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार राज्य की ग्रामीण रोजगार योजना का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखेगी। कोलकाता में आयोजित एक व्यापार और उद्योग सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने बिना किसी राजनीतिक दल का नाम लिए कहा कि अगर कुछ पार्टियां हमारे राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान नहीं कर पा रही हैं, तो बंगाल ऐसा करेगा।
मुख्यमंत्री की यह प्रतिक्रिया उस समय आई जब संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा ने विकसित भारत–रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी वीबी-जी राम जी विधेयक पारित किया। इस विधेयक का उद्देश्य 2005 से लागू महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) को बदलना बताया गया है। विपक्ष के भारी हंगामे के बीच विधेयक के पारित होने के बाद लोकसभा को दिनभर के लिए स्थगित करना पड़ा।
ममता बनर्जी ने इस फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि एनआरईजीए जैसे ऐतिहासिक कार्यक्रम से महात्मा गांधी का नाम हटाना शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि वह भी इसी देश की नागरिक हैं और यह देखकर दुख होता है कि राष्ट्रपिता को धीरे-धीरे भुलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी जी सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि देश की आत्मा हैं और उनके नाम को हटाना राष्ट्रीय मूल्यों के खिलाफ है।
उन्होंने मंच से घोषणा की कि पश्चिम बंगाल सरकार अब अपनी राज्य स्तरीय रोजगार योजना ‘कर्मश्री’ का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखेगी। मुख्यमंत्री के मुताबिक, यह फैसला न केवल गांधी जी के प्रति सम्मान का प्रतीक होगा, बल्कि राज्य की प्रतिबद्धता को भी दिखाएगा कि वह ग्रामीण गरीबों और मजदूरों के साथ खड़ी है।
‘कर्मश्री’ योजना के बारे में बताते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि इसके तहत राज्य सरकार लाभार्थियों को फिलहाल 75 दिनों तक का काम उपलब्ध करा रही है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि एमजीएनआरईजीए के तहत बंगाल को मिलने वाली राशि रोकी गई है, इसके बावजूद राज्य अपने संसाधनों से लोगों को रोजगार दे रहा है। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि बंगाल किसी के सामने हाथ फैलाने वाला राज्य नहीं है और जरूरत पड़ी तो अपने दम पर योजनाएं चलाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य भविष्य में ‘कर्मश्री’ योजना के तहत कार्यदिवसों की संख्या बढ़ाकर 100 करना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण परिवारों को रोजगार और आजीविका का सहारा मिल सके। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि केंद्र से पैसा मिले या न मिले, बंगाल के लोगों को काम मिलता रहेगा और सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाती रहेगी।
ममता बनर्जी के इस बयान को केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल के बीच पहले से जारी राजनीतिक टकराव के एक नए अध्याय के रूप में देखा जा रहा है। एमजीएनआरईजीए और उसके संभावित विकल्प को लेकर देशभर में बहस तेज हो गई है, और बंगाल सरकार का यह कदम आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजनीति में और चर्चा का विषय बन सकता है।
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