नई दिल्ली, 21 जुलाई : केरल के मल्लपुरम जिले में पाए गए निपाह वायरस के संदिग्ध मरीज की रविवार को मौत हो गई। यह एक 14 वर्षीय बच्चा था जिसे एईएस लक्षणों के साथ कोझिकोड के एक उच्च स्वास्थ्य केंद्र में स्थानांतरित करने से पहले पेरिंथलमन्ना में एक स्वास्थ्य सुविधा केंद्र में भर्ती कराया गया था। संदिग्ध मरीज के नमूने राष्ट्रीय विषाणु संस्थान (एनआईवी), पुणे भेजे गए थे, जहां निपाह वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। इससे पहले साल 2018, 2021 और 2023 में कोझिकोड जिले में और 2019 में एर्नाकुलम जिले में निपाह संक्रमण के मामले दर्ज किए गए थे।
बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र ने राज्य सरकार को तत्काल सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय करने की सलाह दी है। इसके मुताबिक प्रशासन निपाह वायरस से संक्रमित मरीज के परिवार, पड़ोस और समान स्थलाकृति वाले क्षेत्रों में सक्रिय मामले की खोज करने के साथ पिछले 12 दिन में सक्रिय संपर्क अनुरेखण की तलाश करने को कहा गया है। इसके अलावा एक बहु-सदस्यीय संयुक्त प्रकोप प्रतिक्रिया दल केरल भेजा जाएगा जो मामले की जांच करने, महामारी विज्ञान संबंधों की पहचान करने और तकनीकी सहायता प्रदान करने में राज्य का सहयोग करेगा।
राज्य के अनुरोध पर आईसीएमआर रोगी प्रबंधन के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी भेजी चुकी है साथ ही निपाह संक्रमण के संदिग्ध मरीज के संपर्कों से अतिरिक्त नमूनों के परीक्षण के लिए एक मोबाइल बीएसएल-3 प्रयोगशाला कोझिकोड पहुंच गई है। हालांकि, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी रोगी की मृत्यु से पहले पहुंच गई थी, लेकिन रोगी की खराब सामान्य स्थिति के कारण इसका उपयोग नहीं किया जा सका। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक निपाह वायरस चमगादड़ से फैलता है और ताजे फल चमगादड़ वायरस के सामान्य भंडार हैं। अगर मनुष्य गलती से चमगादड़ से दूषित फल खा लेता है तो वह संक्रमित हो सकता है।