Kanguva Movie Review: कंगुवा में नहीं दिखा सूर्य का करिश्मा, लॉर्ड बॉबी की पहली तमिल फिल्म का खराब प्रदर्शन
Kanguva Movie Review: तमिल सुपरस्टार सूर्य और बॉबी देओल की फिल्म 'कंगुवा' उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी। पढ़ें पूरी समीक्षा जिसमें पुनर्जन्म, एक्शन, और कहानी के कमजोर पहलुओं का जिक्र है।
Kanguva Movie Review: सूर्य की तमिल फिल्म ‘कंगुवा’ में क्यों नजर नहीं आया करिश्मा, दर्शकों ने जताई निराशा
Kanguva Movie Review: पुनर्जन्म पर आधारित कहानियों का जादू अक्सर सिनेमा में चल जाता है, लेकिन इसके लिए एक कुशल निर्देशक की आवश्यकता होती है। तमिल सुपरस्टार सूर्य और बॉबी देओल की पहली तमिल फिल्म ‘कंगुवा’ में यह करिश्मा नहीं दिखता। सुभाष घई की ‘कर्ज’, फराह खान की ‘ओम शांति ओम’ जैसी फिल्मों ने पुनर्जन्म की थीम को बेहतरीन ढंग से दिखाया, लेकिन निर्देशक शिवा की इस फिल्म में वह गहराई गायब है।
Kanguva Movie Review: फिल्म का प्लॉट: पांच द्वीपों की कहानी
‘कंगुवा’ की कहानी हजार साल पहले के कालखंड पर आधारित है। यह फिल्म पांच द्वीपों के बीच संघर्ष और फ्रांसीसी आक्रमण की पृष्ठभूमि में है, जहां शासकों के बीच युद्ध होता है। सूर्य का किरदार, जो एक द्वीप के राजा का पुत्र है, एक और द्वीप के राजा उधिरन से भिड़ता है। फिल्म के निर्देशक शिवा ने यहाँ एक सरप्राइज एंगल देने की कोशिश की है, लेकिन कहानी का विकास कमजोर है।
Kanguva Movie Review: अत्यधिक हिंसा और शोर
फिल्म की कहानी में हिंसा और म्यूजिक का अतिरेक है। एक्शन दृश्यों को ‘एनिमल’ के एक्शन डायरेक्टर सुप्रीम सुंदर ने कोरियोग्राफ किया है। इन दृश्यों में खून-खराबा और हिंसा की हदें पार की गई हैं, जो कई बार अनावश्यक प्रतीत होती हैं। रोहित शेट्टी जैसे एक्शन डायरेक्टर्स का नाम लेकर निर्देशक की तुलना की जा सकती है, लेकिन शिवा इस मामले में कहीं पीछे रह जाते हैं। इसके अलावा, म्यूजिक कंपोजर देवी श्री प्रसाद का बैकग्राउंड म्यूजिक कानों के लिए तीव्र और कर्णप्रिय नहीं है।
Kanguva Movie Review: फिल्म में दिशा पाटनी की उपस्थिति बेहद सीमित
दिशा पाटनी की मौजूदगी फिल्म में कम महसूस होती है। उनकी भूमिका इतनी कम है कि दर्शक फिल्म खत्म होते-होते भूल जाते हैं कि वह फिल्म में थीं भी। हास्य और करुणा के भाव भी कम देखने को मिलते हैं। फिल्म का फोकस मुख्य रूप से वीर और भयानक दृश्यों पर है, जिससे अभिनेता सूर्य का सौम्य और विनम्र स्वभाव छुप जाता है।
Kanguva Movie Review: निर्देशक शिवा के लिए चुनौतीपूर्ण प्रोजेक्ट
शिवा, जो सिनेमैटोग्राफर से लेखक और निर्देशक बने हैं, इस फिल्म में तमिल और तेलुगु सिनेमा में अपने हिट्स की धारा को बरकरार नहीं रख सके हैं। सूर्य के प्रशंसकों के लिए यह फिल्म एक बड़ा झटका साबित हो सकती है, खासकर उन हिंदी दर्शकों के लिए जो इस फिल्म को बॉबी देओल के कारण देखने पहुंचे। बॉबी देओल, जो ‘एनिमल’ की सक्सेस पार्टी में इस फिल्म की खूब चर्चा कर रहे थे, फिल्म की रिलीज के वक्त भी प्रेस कांफ्रेंस से गायब रहे।
Kanguva Movie Review: फिल्म के कमजोर पहलू
- संगीत: देवी श्री प्रसाद का म्यूजिक निराशाजनक है, और एक भी गीत यादगार नहीं है।
- एडिटिंग: संपादन की कमजोरियों के कारण फिल्म की लंबाई दर्शकों को थका देती है।
- कहानी का प्रवाह: फिल्म की लंबाई और धीमी गति के चलते पहले ही इंटरवल तक दर्शक उब जाते हैं।
Kanguva Movie Review: कुल मिलाकर, क्या ‘कंगुवा’ देखने लायक है?
फिल्म ‘कंगुवा’ में तमिल सुपरस्टार सूर्य और बॉलीवुड के लार्ड बॉबी देओल के आने से दर्शकों को बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन कमजोर पटकथा और निर्देशन ने फिल्म को डूबा दिया। उच्च स्तर की अपेक्षाओं के बीच, यह फिल्म उन पर खरी नहीं उतरती।