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जीटीबी अस्पताल की सीटी स्कैन मशीन फिर खराब

- 1500 बेड क्षमता वाले अस्पताल में एमआरआई स्कैन की सुविधा भी नहीं

नई दिल्ली, 11 अक्तूबर : गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल की सीटी स्कैन मशीन फिर खराब हो गई है, जिसके चलते मरीजों व उनके तीमारदारों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

दरअसल, जीटीबी अस्पताल, पूर्वी दिल्ली का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां रोजाना करीब छह से सात हजार मरीज इलाज के लिए आते हैं। इनमें सामान्य से लेकर गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों के साथ हेड इंजरी व अन्य चोटों से घायल मरीज भी बड़ी संख्या में आते हैं। इन मरीजों के उपचार के लिए सीटी स्कैन कराने की जरुरत होती है। लेकिन अस्पताल की एकमात्र सीटी स्कैन मशीन बीते 10 दिन से खराब होने के कारण मरीजों को दिक्कत हो रही है। खासकर आपातकालीन विभाग में आने वाले दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को जिन्हें सीटी स्कैन के लिए राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रेफर किया जा रहा है।

दुर्घटना में घायल मरीज और उसके परिजन जहां बेवजह की आवाजाही के कारण परेशान हो रहे हैं। वहीं, सीटी स्कैन के अभाव में मरीज को उचित समय पर उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। बता दें कि बीते जनवरी माह में भी जीटीबी अस्पताल की सीटी स्कैन मशीन खराब होने के चलते एक घायल व्यक्ति (झगड़े के आरोपी) को जीटीबी समेत दिल्ली के तीन अन्य अस्पतालों में इलाज नहीं मिल पाया था। परिणाम स्वरूप मरीज की मौत हो गई थी जिसकी गाज जीटीबी के एक एसआर पर गिरी थी। इस संबंध में अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जिन लोगों को सीटी स्कैन या एमआरआई की सुविधा नहीं मिल पाती। उन्हें दिल्ली आरोग्य कोष के माध्यम से सुविधा प्रदान की जाती है।

एमआरआई की सुविधा नहीं
करीब 1500 बेड की क्षमता वाले जीटीबी अस्पताल में मरीजों के उपचार में कारगर एमआरआई स्कैन की सुविधा तक उपलब्ध नहीं है। सूत्रों के मुताबिक यह हालात तब हैं जबकि अस्पताल के साथ मेडिकल कॉलेज भी संबद्ध है। जब से अस्पताल बना है, तब से यहां एमआरआई मशीन नहीं लगी है। इसके लिए मरीजों को अन्यत्र भेजा जाता है।

दो सी आर्म मशीन अब भी खराब
अस्पताल सूत्रों ने बताया कि अस्पताल में ऑर्थोपेडिक, हार्ट व गेस्ट्रो सर्जरी के लिए इस्तेमाल होने वाली तीन सी आर्म मशीनों में से दो सी आर्म मशीनें अब भी खराब पड़ी हैं। एक मशीन तो हाल ही में ठीक करवा दी गई है लेकिन बीपीएल कंपनी की दो मशीनें अब भी खराब पड़ी हैं। यह कंपनी ब्लैक लिस्ट हो चुकी है इसलिए अपनी सेवाएं नहीं दे रही। उधर,अस्पताल प्रशासन मशीन के रखरखाव व मरम्मत को लेकर उदासीनता बरत रहा है।

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