जीएसटी में डिफाल्ट टैक्स पर ब्याज वसूली से व्यापारी परेशान
जीएसटी में डिफाल्ट टैक्स पर ब्याज वसूली से व्यापारी परेशान
अमर सैनी
नोएडा। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल, नोएडा इकाई की एक अहम बैठक सेक्टर 5 स्थित हरौला में व्यापारियों की विभिन्न समस्याओं को लेकर की गई। बैठक में वक्ताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि जीएसटी में डिफाल्ट टैक्स पर ब्याज वसूली 18% है, जो बहुत ज्यादा व अन्याय पूर्ण है। जबकि बैंक में जमा राशि पर ब्याज वर्तमान में 7% है और सरकारी विभाग की देरी से रिफंड पर ब्याज कुल 6% ही है। अतः इसे तर्क संगत बनाया बनाया जाना चाहिए और यह किसी हालत में 10% से ज्यादा तो बिलकुल ही न हो।
व्यापार मंडल के अध्यक्ष नरेश कुच्छल ने कहा कि व्यापारियों को तीन तरह का टैक्स यानी आईजीएसटी, सीजीएसटी, और एसजीएसटी का भुगतान करना पड़ता है, जिससे व्यापारियों के बीच भ्रम की स्थिति बनी रहती है। उन्होंने मीडिया के माध्यम से सरकार से मांग की कि व्यापारियों से एक ही टैक्स वसूला जाए, क्योंकि गलती से गलत हेड में टैक्स जमा होने का खामियाजा व्यापारियों को भुगतना पड़ता है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में ज्यादा तर समस्या सप्लायर डिफाल्ट के कारण आईटीसी को ले कर है। जबकि. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, विभाग पहले वसूली की कार्यवाही सप्लायर से ही करे, खरीदार से नहीं। परंतु विभाग सप्लायर मौजूद होने के बाबजूद भी उस पर कार्यवाही न कर खरीदार, जिससे कि वसूली सुगम होती है, नियम ताक पर रखकर करते हैं।
डबल टैक्स वसूली को तुरंत रोका जाए
नरेश कुच्छल ने कहा कि सप्लायर डिफाल्ट के कारण जिन केसों में किसी सप्लाई की आईटीसी मिसमैच की वसूली मय ब्याज खरीदार से तुरंत कर ली गई और फिर पिछले सप्लायरो से भी कर ली गई, इस प्रकार ये तो एक ही सप्लाई पर मल्टीपल यानी एक बार से अधिक टैक्स वसूल लिया गया। उन्होंने कहा कि अभी तक ऐसी कोई मैकेनिज्म नहीं है की खरीदार यह पता कर सके कि उसकी खरीद सप्लाई की आईटीसी की कर वसूली पिछले खरीदारों से विभाग ने कर ली है। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस डबल टैक्स वसूली को तुरंत रोका जाए व खरीदार की कर वापिस करने की मेकेनिजम बनाई जाए। उन्होंने बताया कि अभी तक ऐसा एक ही सप्लाई पर डबल वसूला टैक्स किसी को वापिस नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि एक इफेक्टिव ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम बनाया जाय, जहां खरीदार अपनी आईटीसी को लेकर शिकायत कर सके और उसपर तुरंत कार्यवाही भी हो।
इन्वर्टर डयूटी स्ट्रक्चर में रिफंड की समस्या हो दूर
व्यापार मंडल के चेयरमैन राम अवतार सिंह का कहना था कि इन्वर्टर डयूटी स्ट्रक्चर में रिफंड की समस्या दूर की जाए। इसका रिफंड आयकर की तर्ज पर इलेक्ट्रानिक लेजर में बैलेंस देखकर किया जाये। साथ ही व्यापारी पर अनुपालन में शिथिलता बरती जाए। राजस्व हित में जहां एक ओर कर की सही वसूली पर जोर हो तो दूसरी तरफ जीएसटी अधिकारियो पर गलत विवेक से नियम विरुद्ध निर्णय लेने पर अकाउंटेबिलिटी भी फिक्स की जाए और व्यापारी के प्रतिवेदन पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाए। इस मौके पर अध्यक्ष नरेश कुच्छल, चेयरमैन राम अवतार सिंह वरिष्ठ महामंत्री दिनेश महावर, मनोज भाटी, सतनारायण गोयल, राधेश्याम गोयल, मूलचंद गुप्ता, केशव पंडित, संदीप चौहान, महेंद्र कटारिया बृजमोहन राजपूत, सुभाष त्यागी, अमरदीप कुमार, धीरज कुमार, सुनील कुमार, रितिक कुमार, सतवीर कुमार, पियूष वालिया, अनिल गर्ग, विनीत शर्मा, संजय चौहान, विपिन अग्रवाल, सुशील सिंघल, सोनवीर आदि उपस्थित रहे।