जीबीयू में छात्रा से छेड़छाड़ पर डीन समेत दो के खिलाफ एफआईआर
जीबीयू में छात्रा से छेड़छाड़ पर डीन समेत दो के खिलाफ एफआईआर
अमर सैनी
नोएडा। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) में पीएचडी की छात्रा का शारीरिक शोषण करने के मामले में डीन एकेडमिक प्रो. एनपी मलकानिया समेत दो के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। छात्रा लंबे समय से कार्रवाई के लिए भटक रही थी। इसे लेकर बीते दिनों छात्रा ने यूजीसी अध्यक्ष से शिकायत भी की थी। हालांकि, अब पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस को दी शिकायत में पीएचडी छात्रा की बहन ने बताया कि आरोपी प्रो. एनपी मलकानिया डीन एकेडमिक और डीन स्कूल ऑफ वोकेशनल स्टडीज एंड एप्लाइड साइंस के पद पर कार्यरत है। वह अपने पद की आड़ में लंबे समय से उसकी बहन व पीएचडी की छात्रा का शारीरिक शोषण कर रहा है। छात्रा ने इसका विरोध किया तो डीन ने छात्रा को जापान में हुए एक सम्मेलन में भी भाग लेने से रोकने की कोशिश की। उसकी बात मानने से इंकार करने पर पीएचडी रोकने व कैरियर तबाह करने की धमकी दी। मामला उजागर होने पर विश्वविद्यालय के गणित विभाग के अमित कुमार अवस्थी के जरिए भी छात्रा पर दबाव बनाने का प्रयास किया गया। आरोप यह भी है कि डीन अपने पद का दुरुपयोग कर गवाहों को भ्रमित करने का दबाव बना रहा है। मामले में इकोटेक-1 पुलिस ने आरोपी डीन एनपी मलकानिया व अमित कुमार अवस्थी के खिलाफ छेड़छाड़, जान से मारने की धमकी देने और अश्लील शब्दों का प्रयोग करने समेत अन्य संगीन धाराओं में मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
छात्रा का आरोप है कि डीन ने उसके खिलाफ 8 जून को मामले की शिकायत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविंद्र सिन्हा और आईएसीसी कमेटी से की थी, लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। लंबे समय तक कार्रवाई न होने पर छात्रा ने बीते दिनों एक्स पर इंसाफ की गुहार लगाकर यूजीसी अध्यक्ष को भी पत्र लिखा था। यूजीसी को लिखे पत्र में छात्रा ने आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालय के बड़े अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त होने के चलते डीन के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके
विश्वविद्यालय में पूर्व में भी ऐसे मामले प्रकाश में आ चुके हैं। वर्ष 2016 में शिक्षक ने छात्रा को बैड टच किया था। छात्रा ने पढ़ाई छोड़ी थी। वर्ष 2020 में प्रोफेसर ने एमफिल की छात्रा से छेड़छाड़ की थी।
मामले में आईएसीसी कमेटी की जांच अभी भी चल रही हैं, जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद विश्वविद्यालय स्तर पर भी कार्रवाई की जाएगी। विश्वविद्यालय पुलिस जांच में भी हर प्रकार से सहयोग के लिए तैयार है।
– प्रो. रविंद्र सिन्हा, कुलपति जीबीयू
पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के साथ ही मामले की विवेचना शुरू कर दी है। विवेचना के आधार पर ही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।