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Jayant Narlikar: प्रसिद्ध खगोल वैज्ञानिक जयंत नार्लीकर का निधन, पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

Jayant Narlikar: खगोल वैज्ञानिक और विज्ञान संचारक डॉ. जयंत विष्णु नार्लीकर का 86 वर्ष की उम्र में पुणे में निधन हो गया। मुख्यमंत्री ने उनके अंतिम संस्कार को राजकीय सम्मान के साथ करने की घोषणा की।

Jayant Narlikar: खगोल वैज्ञानिक और विज्ञान संचारक डॉ. जयंत विष्णु नार्लीकर का 86 वर्ष की उम्र में पुणे में निधन हो गया। मुख्यमंत्री ने उनके अंतिम संस्कार को राजकीय सम्मान के साथ करने की घोषणा की।

प्रसिद्ध खगोल वैज्ञानिक डॉ. Jayant Narlikar का 86 वर्ष की उम्र में निधन, अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ

पुणे। भारत के प्रख्यात खगोल वैज्ञानिक, विज्ञान संचारक और पद्म विभूषण से सम्मानित डॉ. जयंत Jayant Narlikar का मंगलवार सुबह पुणे में 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। परिवार के अनुसार, उनका निधन नींद में हुआ। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की घोषणा की है।

हाल ही में हुई थी कूल्हे की सर्जरी

पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, डॉ. Jayant Narlikar की हाल ही में एक अस्पताल में कूल्हे की सर्जरी हुई थी। उन्होंने मंगलवार सुबह अंतिम सांस ली। अपने पीछे वे तीन बेटियों को छोड़ गए हैं। उनका अंतिम संस्कार पुणे में किया जाएगा।

Noted Astrophysicist Jayant Narlikar Passes Away At 87 Latest News Update - Amar Ujala Hindi News Live - Jayant Narlikar Passes Away:प्रसिद्ध खगोल वैज्ञानिक जयंत नार्लीकर नहीं रहे, 87 वर्ष की उम्र

Jayant Narlikar: भारतीय विज्ञान में अग्रणी भूमिका

19 जुलाई 1938 को जन्मे Jayant Narlikar की प्रारंभिक शिक्षा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में हुई, जहां उनके पिता डॉ. विष्णु वासुदेव नार्लीकर गणित विभाग के प्रमुख थे। आगे की पढ़ाई के लिए वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय गए, जहाँ उन्होंने गणितीय ट्रिपोस में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया और रैंगलर व टायसन पदक जीता।

अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त वैज्ञानिक

  • 1972 से 1989 तक वे टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) में कार्यरत रहे और खगोल भौतिकी समूह का नेतृत्व किया।

  • 1988 में IUCAA (Inter-University Centre for Astronomy and Astrophysics) की स्थापना के लिए उन्हें संस्थापक निदेशक नियुक्त किया गया।

  • 2003 तक उन्होंने IUCAA के निदेशक के रूप में कार्य किया और बाद में एमेरिटस प्रोफेसर बने।

  • उन्होंने ब्रह्मांड विज्ञान में कई मौलिक शोध किए और विज्ञान संचारक के रूप में भी उल्लेखनीय योगदान दिया।

Scientist Jayant Narlikar Passed Away

विज्ञान को जन-जन तक पहुँचाने वाले व्यक्तित्व

डॉ. Jayant Narlikar को केवल वैज्ञानिक शोध के लिए ही नहीं, बल्कि विज्ञान को आम लोगों तक सरल भाषा में पहुँचाने के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने कई लोकप्रिय विज्ञान पुस्तकें और लेख लिखे, जो छात्रों और विज्ञान प्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहे।

शोक संदेश

देशभर से वैज्ञानिक समुदाय, शिक्षाविद, और राजनीतिक हस्तियों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री से लेकर आम वैज्ञानिकों तक सभी ने उन्हें भारतीय विज्ञान की अनमोल धरोहर बताया है।

Jayant Narlikar के सम्मान

  • पद्म विभूषण

  • शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार

  • टायसन मेडल (कैम्ब्रिज)

  • यूनेस्को कलिंग पुरस्कार (विज्ञान संचार के लिए)

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