ICG Ship Sarthak: आईसीजी पोत सार्थक का ईरान के चाबहार बंदरगाह पर पहला पोर्ट कॉल, समुद्री सहयोग को मिली नई मजबूती

ICG Ship Sarthak: आईसीजी पोत सार्थक का ईरान के चाबहार बंदरगाह पर पहला पोर्ट कॉल, समुद्री सहयोग को मिली नई मजबूती
नई दिल्ली, 17 दिसंबर। इंडियन कोस्ट गार्ड का ऑफशोर पेट्रोल वेसल सार्थक मंगलवार को इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह पर पहुंचा। यह पोर्ट कॉल खाड़ी देशों में भारतीय तटरक्षक बल की ओवरसीज तैनाती के तहत किया गया है, जिसके अंतर्गत पोत सार्थक 16 से 19 दिसंबर तक चार दिनों के लिए ईरान में रहेगा। चाबहार बंदरगाह पर किसी भारतीय तटरक्षक पोत की यह पहली यात्रा मानी जा रही है, जो क्षेत्रीय समुद्री सहयोग की दिशा में एक अहम कदम है।
चाबहार एक गहरे पानी का प्रमुख बंदरगाह है, जो भारत को ईरान, अफगानिस्तान और मध्य एशिया के देशों से सीधे समुद्री संपर्क का अवसर प्रदान करता है। इस बंदरगाह की रणनीतिक अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि यह क्षेत्रीय व्यापार, मानवीय सहायता और सुरक्षित आपूर्ति श्रृंखला के लिए एक वैकल्पिक और भरोसेमंद मार्ग उपलब्ध कराता है। पोत सार्थक की इस यात्रा से भारत की उस क्षमता का भी प्रदर्शन होता है, जिसके जरिए वह मध्य एशिया और अफगानिस्तान तक सुरक्षित समुद्री सप्लाई लाइन सुनिश्चित कर सकता है।
पोर्ट कॉल के दौरान आईसीजी पोत सार्थक ईरानी नौसेना और अन्य ईरानी समुद्री एजेंसियों के साथ कई पेशेवर और सामुदायिक गतिविधियों में हिस्सा लेगा। इनमें शिष्टाचार भेंट, औपचारिक मुलाकातें और पेशेवर स्तर पर बातचीत शामिल हैं। इन गतिविधियों का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संस्थागत संबंधों को और मजबूत करना तथा समुद्री सुरक्षा, संरक्षा और सहयोग के क्षेत्रों में आपसी समझ को बढ़ाना है।
चार दिवसीय प्रवास के दौरान संयुक्त प्रशिक्षण गतिविधियों पर विशेष जोर दिया जाएगा। इनमें समुद्री खोज और बचाव अभियान, समुद्री कानून प्रवर्तन और समुद्री प्रदूषण से निपटने की तैयारियों से जुड़े अभ्यास शामिल हैं। चाबहार बंदरगाह में तेल रिसाव और खतरनाक एवं हानिकारक पदार्थों के रिसाव की स्थिति से निपटने के लिए एक समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया का व्यावहारिक प्रदर्शन भी किया जाएगा। इसका मकसद दोनों देशों की एजेंसियों के बीच समन्वित प्रतिक्रिया तंत्र और त्वरित कार्रवाई की क्षमता को प्रदर्शित करना है।
आईसीजी पोत सार्थक का यह पोर्ट कॉल हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की बढ़ती समुद्री उपस्थिति और मित्र देशों के साथ सहयोग को दर्शाता है। इससे न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिलेगी, बल्कि क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा, सुरक्षित नौवहन और आपदा प्रतिक्रिया के क्षेत्र में भी साझा प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा।
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