
Gujarat News : (अभिषेक बारड): हाल के वर्षों में गुजरात प्रोसेस्ड आलू का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य बन गया है, साथ ही फ्रेंच फ्राइज और चिप्स का सबसे बड़ा निर्यातक भी। यह सफलता उत्तर गुजरात के लिए होने वाली वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंसेस (VGRC) में भी प्रदर्शित होगी, जो आगामी 9-10 अक्टूबर, 2025 को मेहसाणा में आयोजित होगी।
भारत में प्रोसेस्ड आलू के उत्पादन में गुजरात के बाद उत्तर प्रदेश और पंजाब क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। गुजरात में अनुकूल जलवायु होने के कारण फ्रोजन आलू के उत्पादन को प्रोत्साहन मिला है। हाइफन फूड्स, मैक्केन फूड्स और इस्कॉन बालाजी फूड्स जैसे अग्रणी उत्पादकों ने उत्तर गुजरात में अपने यूनिट स्थापित किए हैं।
2004-05 में प्रोसेस्ड आलू का उत्पादन 1 लाख टन से भी कम था और मात्र 4000 हेक्टेयर क्षेत्र में इसकी खेती होती थी। पिछले दो दशकों में प्रोसेस्ड आलू का उत्पादन 10 गुना बढ़कर 37,000 हेक्टेयर क्षेत्र के साथ 11.50 लाख टन तक पहुँच गया है। इसके अलावा, उत्पादन क्षेत्र में भी 9 गुना वृद्धि हुई है और अधिक खरीद के कारण स्थानीय किसानों को उल्लेखनीय लाभ हुआ है।
गुजरात में उत्पादित प्रोसेसिंग-ग्रेड आलू को फ्रेंच फ्राइज, चिप्स या फ्रोजन फूड बनाने वाले देशभर के प्रोसेस्ड फूड उद्योगों को बड़े पैमाने पर आपूर्ति की जाती है। वर्ष 2024-25 में गुजरात ने 48.59 लाख टन आलू का उत्पादन किया था, जिसमें लगभग 25% से अधिक लेडी रोसेटा और शेष कुफ़री आलू थे, जिनका उपयोग सब्ज़ी बनाने में होता है। प्रोसेसिंग-ग्रेड आलू के कुल उत्पादन में से लगभग 60% वेफर के लिए और लगभग 40% फ्रेंच फ्राइज उत्पादन के लिए प्रयोग होता है। इसमें साबरकांठा, अरावली और बनासकांठा जिलों का प्रमुख योगदान है, जो भारत में फ्रेंच फ्राइज और वेफर की बढ़ती मांग को पूरा कर रहे हैं।
18.70 लाख टन आलू के उत्पादन के साथ बनासकांठा राज्य में पहले स्थान पर
वर्ष 2022-23 में बनासकांठा जिले में 53,548 हेक्टेयर क्षेत्र में 15.79 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ था, अर्थात इसकी उत्पादकता 29.5 टन प्रति हेक्टेयर थी। वर्ष 2023-24 में 52,089 हेक्टेयर क्षेत्र में 30 टन प्रति हेक्टेयर की क्षमता के साथ 15.62 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ था। यह आँकड़ा वर्ष 2024-25 में बढ़कर 18.70 लाख टन तक पहुँच गया है, जो गुजरात में किसी भी जिले का सबसे अधिक आलू उत्पादन है। इस अवधि में 61,016 हेक्टेयर क्षेत्र में 30.65 टन प्रति हेक्टेयर की उत्पादकता दर्ज हुई थी।
साबरकांठा और अरावली में क्रमशः 12.97 लाख टन और 6.99 लाख टन आलू का उत्पादन
बनासकांठा के बाद साबरकांठा और अरावली जिलों में भी आलू का विशाल उत्पादन हुआ है। साबरकांठा में वर्ष 2024-25 में 37,999 हेक्टेयर क्षेत्र में 34.13 टन/हेक्टेयर की क्षमता के साथ 12.97 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ। अरावली जिले में अन्य जिलों की तुलना में आलू की खेती हाल के वर्षों में शुरू हुई है, फिर भी इस जिले ने राज्य के कुल आलू उत्पादन में उल्लेखनीय योगदान दिया है। वर्ष 2024-25 में अरावली में 20,515 हेक्टेयर क्षेत्र में 34.05 टन/हेक्टेयर की क्षमता के साथ 6.99 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ।
बनासकांठा, साबरकांठा और अरावली में हैं अत्याधुनिक कोल्ड स्टोरेज सुविधाएँ
उत्तर गुजरात में कोल्ड स्टोरेज समेत कुल 67 सक्रिय वेयरहाउस हैं, जो भारत सरकार के वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी में पंजीकृत हैं। बनासकांठा में 16, साबरकांठा और अरावली में 10, मेहसाणा में 30 और पाटन में 11 वेयरहाउस हैं।
गुजरात का उत्तरी क्षेत्र उपजाऊ भूमि, अनुकूल जलवायु और उन्नत खेती प्रणालियों के कारण चिप-ग्रेड और फ्रेंच फ्राइज-ग्रेड आलू के उत्पादन के लिए आदर्श बन गया है। यहाँ लेडी रोसेटा, कुफ़री चिप्सोना, सन्ताना जैसी किस्मों की खेती होती है, जिनमें शुष्क पदार्थ की मात्रा अधिक और चीनी की मात्रा कम होती है, जिससे वे क्रिस्प और गोल्डन फ्राइज बनाने के लिए उपयुक्त हैं। इन आलुओं की आपूर्ति फ्रोजन फूड प्रोसेसर, क्विक-सर्विस रेस्टोरेंट्स को की जाती है और विशेष रूप से मध्य-पूर्व देशों में इसका निर्यात किया जाता है।